MP News: एमपी में सरकार के पास सवा दो सौ करोड़ नहीं होने से 90 हजार टॉपर्स को नहीं मिले लैपटाप

मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना अंतर्गत कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत या अधिक अंक लाने वाले मेधावी विद्यार्थियों को दी जाती है राशि

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भोपाल। प्रदेश सरकार के पास सवा दो सौ करोड़ की राशि नहीं होने से 90 हजार बारहवीं के टॉपर्स को लैपटाप के लिए राशि नहीं मिल सकी है। अब इन विद्यार्थियों का मनोबल भी टूटने लगा है। दरअसल प्रदेश में मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल से बारहवीं में 75 या उससे ऊपर अंक लाने वाले मेघावी विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए 25-25 हजार रुपए की राशि दी जाती है। 


पिछले साल एमपी बोर्ड के बारहवीं में 75 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 78 हजार 641 विद्यार्थियों को लैपटॉप खरीदने के लिए राशि दी गई है। वर्ष 2023-24 में माशिमं की बारहवीं परीक्षा में 75 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 90 हजार के आसपास है। यह संख्या पिछले साल की तुलना में लगभग 12 हजार ज्यादा है।


 इस बार विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए राशि देने में सवा दो सौ करोड़ के आसपास खर्च होना थे। विद्यार्थियों को पूर्व में यह राशि दिसंबर के अंत तक मिल जाती थी, लेकिन वर्ष 2023-24 के बारहवीं के मेघावी विद्यार्थियों को यह राशि अब तक नहीं मिली है। 


विभागीय सूत्रों का कहना है कि राशि के लिए प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग को भेजा गया था, लेकिन अभी तक राशि नहीं मिली है। इससे विद्यार्थियों को लैपटाप के लिए राशि नहीं दे सके हैं। इस बार राशि नहीं मिलने से वर्ष 2024-25 की माशिमं के बारहवीं के टॉपरों को राशि मिलने पर संशय बन गया है।


सीबीएसई के विद्यार्थी भी नहीं हो सके शामिल
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा माशिमं के मेघावी विद्यार्थियों को लैपटॉप की राशि देने केलिए करीब डेढ़ साल पहले 20 जुलाई को लाल परेड ग्राउंड में कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एमपी बोर्ड के बारहवीं में 75 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 78 हजार 641 विद्यार्थियों के खाते में लैपटाप खरीदने के लिए 196 करोड़ की राशि ट्रांसफर की थी। 


कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि माशिमं की बारहवीं के विद्यार्थियों के साथ सीबीएसई के मेघावी विद्यार्थियों को अगले साल से 25-25 हजार की राशि लैपटॉप के लिए मिलेगी, लेकिन अब मुख्यमंत्री बदल गए हैं। इससे पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल हो पाएगा या नहीं, इस पर संशय है।


सरकारी स्कूलों के साथ प्रायवेट के छात्रों को मिलना है स्कूटी
भाजपा सरकार की घोषणा के अनुसार सवा साल पहले बारहवीं के सभी स्कूलों के एक-एक टॉपर को मुफ्त स्कूटी देने का निर्णय लिया था। दो साल पहले सरकारी स्कूल के हर एक टॉपर को स्कूटी दी गई थी। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि इसे अगले साल (2024) से प्रायवेट स्कूलों के टॉपरों के लिए भी लागू किया जाएगा, लेकिन इस बार सरकारी व प्रायवेट स्कूलों के विद्यार्थियों को स्कूटी नहीं मिल सकी है।


सोलह साल पहले शुरू हुई थी योजना
माशिमं बारहवीं के मेघावी विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए 25-25 हजार रुपए राशि देने की योजना मुयमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ष 2009-10 में शुरू की गई थी। योजना के प्रारंभ में मेघावी विद्यार्थियों का क्राइटेरिया 85 फीसदी अंकों तक रखा गया था। इस दौरान विद्यार्थियों की संख्या भी 20 से 25 हजार के आसपास होती थी। धीरे-धीरे विद्यार्थियों के पासिंग मार्क्स भी कम किए गए।


एक बार 70 फीसदी तक मार्स किए गए थे। वर्तमान में बारहवीं में 75 फीसदी का क्राइटेरिया है। इसके साथ ही शासकीय स्कूलों के बारहवी में एक टॉपर को स्कूटी भी देने की योजना शुरू की है। वह सिर्फ स्कूल में टॉपर होना चाहिए। चाहे वह बारहवी में सेकंड श्रेणी में पास हुआ हो।