MP News: मध्यप्रदेश में 2010 बैच तक के आईएएस फील्ड से होंगे बाहर, नए साल मेें मैदानी स्तर पर होगी बड़ी प्रशासनिक सर्जरी
2015 व 2016 बैच के अफसरों को मिल सकती है जिलों की कमान, बदले जा सकते हैं कई कलेक्टर

भोपाल। प्रशासनिक सेवा में आने वाला हर आईएएस अधिकारी कलेक्टर बनना चाहता है। राज्य में अफसरों की बड़ी संख्या और फील्ड में उनकी धीमी पोस्टिंग की वजह से सीधी भर्ती वाले आईएएस अधिकारी फील्ड पोस्टिंग पाने में अन्य राज्यों के मुकाबले काफी पिछड़ गए हैं।
2015 बैच के सीधी भर्ती वाले आईएएस अधिकारी कलेक्टर के पद पर तैनात हैं। फिर भी इस बैच के कई आईएएस अफसरों को अभी कलेक्टर पद पर पदस्थ किया जाना है। जनवरी में प्रस्तावित प्रशासनिक फेरबदल में कलेक्टरों की पदस्थापना में बदलाव हो सकता है।
बताया जा रहा है कि प्रदेश में 2010 बैच तक के ऐसे आईएएस अफसर जो फील्ड में तैनात हैं, उन्हें बदला जाएगा। इस पर लगभग सहमति बन गई है। इसके पहले डीपीसी की जाएगी, जिसमें 2009 बैच के अफसर कमिश्रर बन जाएंगे, वहीं 2001 बैच के आईएएस पीएस के पद पर पदौन्नत होंगे। इसमें नवनीत कोठारी और पी.नरहरि का नाम शामिल है।
इसकेअलावा कई खाली पदों को भरा जाएगा। दरअसल, कलेक्टर बनने के मामले में मप्र के आईएएस अफसर अन्य राज्यों के आईएएस अफसरों से पीछे हैं। 2015 के बाद बड़ा बैच देखकर सीधी भर्ती वाले अफसर डरे हुए हैं। प्रदेश में 2016 बैच के सीधी भर्ती वाले अफसरों की संख्या दस है।
इसी तरह 2017 बैच में 13 और 2018 बैच में 12 अफसर हैं। 2019 बैच में 11 अफसर हैं। चूंकि इन बैच में अफसरों की संख्या बहुत ज्यादा है, इसलिए इन्हें कलेक्टर बनने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
भोपाल-इंदौर कलेक्टर 2010 बैच के
फेरबदल में 2010 बैच तक के आईएएस अफसरों को यदि हटाया जाता है तो इस फार्मूले में भोपाल और इंदौर कलेक्टर भी आ रहे हैं। भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह और इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह 2010 बैच के हैं। हालांकि दोनों ही अफसरों को जिलों की कमान संभाले हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है।
आशीष सिंह ने जनवरी में इंदौर कलेक्टर की कमान संभाली थी, वहीं कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने भी 5 जनवरी को भोपाल कलेक्टर के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी। इस कारण दोनो को मार्च के बाद बदला जा सकता है। जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना 2009 बैच के हैं। इसके अलावा सतना, सिंगरोली, रायसेन, रीवा, मैहर और उज्जैन में फेरबदल की तैयारी की जा रही है।
सागर कलेक्टर से जनप्रतिनिधि नाराज
इधर सागर कलेक्टर संदीप जी.आर की कार्यप्रणाली से पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह सहित अन्य क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि खासे नाराज हैं। जनप्रतिनिधियों की नाराजगी कई बार सामने भी आ चुकी है। कलेक्टर की कार्यप्रणाली को लेकर जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से शिकायत कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि पूर्व मंत्रियों की नाराजगी सागर कलेक्टर को भारी पड़ सकती है।
भोपाल कलेक्टर के लिए कई नाम
जनवरी में होने वाले प्रशासनिक फेरबदल में भोपाल कलेक्टर की दौड़ में दो आईएएस के नाम तेजी से चल रहे हैं। इसमें आईएएस अनुराग वर्मा और सतीश कुमार एस मुख्य हैं।
अनुराग वर्मा 2012 बैच के आईएएस अफसर हैं, वहीं सतीश कुमार एस 2013 बैच के आईएएस अफसर हैं। वर्मा वर्तमान में सतना कलेक्टर हंै, जबकि कुमार एमपी स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के एमडी हैं। रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल तथा हर्षिका सिंह को बड़े जिले की कमान सौंपे जाने की चर्चा है।
आबकारी आयुक्त बदलेंगे
आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल को हटाने की तैयारी की जा रही है। जबलपुर कमिश्नर को भी बदला जा सकता है।
धरे रह गए प्रभारी मंत्री के निर्देश
सितबर माह में प्रभारी मंत्री चेतन्य काश्यप ने भोपाल की समीक्षा बैठक ली थी। इस बैठक से स्मार्ट सीटी सीईओ किरोड़ीलाल मीना नदारद थे। इससे नाराज प्रभारी मंत्री ने इस तरह के अधिकारियों को तत्काल हटाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कलेक्टर से कहा था कि सीईओ के बारे में उचित निर्णय लें।
हालांकि तीन महीने का समय निकलने के बाद भी सीईओ पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बैठक में सांसद, विधायकों ने स्मार्ट सिटी में चल रहे कार्यो को लेकर शिकायत की थी। इस दौरान मीना मीटिंग में नहीं थे, इससे नाराजगी बढ़ गई थी।
ऋतुराज के खिलाफ भी आ चुका निंदा प्रस्ताव
2015 बैच के आईएएस ऋतुराज सिंह वर्तमान में भोपाल जिला पंचायत में सीईओ हैं। यहां पर उनके और जनप्रतिनिधियों के बीच कई बार विवाद के मामले सामने आ चुके हैं। जुलाई में नाराज जनप्रतिनिधियों ने सीईओ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी लाया था। जनप्रतिनिधियों का आरोप था कि सीईओ न तो उनके प्रस्ताव पर ध्यान देते हैं और न ही बैठकों में आते हैं।