MP News: एमपी में एसएससी परीक्षा में फर्जीवाड़े का खुलासा, बीएसएफ ट्रेनिंग सेंटर में हुई थी परीक्षा
नौ अभ्यार्थियों की जगह सॉल्वरों ने दी परीक्षा, दस्तावेजों बायोमैट्रिक जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा

भोपाल। ग्वालियर के टेकनपुर में स्थित बीएसएफ ट्रेनिंग सेंटर पहुंचे नौ फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए हैं। दस्तावेजों व बायोमैट्रिक जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। बीएसएफ द्वारा केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में आरक्षक भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित कराई गई थी। साल 2024 में हुई एसएससी की ऑनलाइन लिखित परीक्षा में छत्तीसगढ़ के सॉल्वर बैठाकर मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास कर ली थी।
इस मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब परीक्षा पास कर यह अभ्यर्थी 21 से 25 जनवरी के बीच बीएसएफ की टेकनपुर स्थित अकादमी में ट्रेनिंग के लिए पहुंचे। लेकिन जब इनके दस्तावेज और बायोमैट्रिक जांच हुई तो फर्जीवाड़ा पकड़ा गया, जिसके बाद बीएसएफ के अधिकारियों ने बिलौआ थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने फर्जीवाड़े का मामला दर्ज कर सभी को पकड़ लिया।
पकड़े गए अभ्यर्थियों ने प्रारंभिक पूछताछ में बीएसएफ के अफसरों को बताया कि बीएसएफ में रिक्त पदों पर भर्ती निकली थी। आवेदन करने से पहले अभ्यर्थियों का संपर्क एक दलाल के जरिए परीक्षा में सॉल्वर बैठाने वाली गैंग से हुआ। आधा पैसा पहले और आधा पैसा परीक्षा पास होने के बाद देने की डील हुई।
गैंग ने छत्तीसगढ़ के सॉल्वर बैठाने की व्यवस्था कराई। परीक्षा के आवेदन पर नाम और डॉक्यूमेंट अभ्यर्थी के लगाए गए। लेकिन फोटो सॉल्वर का लगाया गया। परीक्षा के समय बायोमैट्रिक भी सॉल्वर के ही लिए गए। यही कारण है कि जब परीक्षा पास होने के बाद दस्तावेज, बायोमैट्रिक परीक्षण हुआ, तो वह पकड़े गए।
एक ही नाम के दो अभ्यर्थी और एक सॉल्वर भी
खास बात यह है कि एक ही नाम के दो अभ्यर्थी और एक सॉल्वर भी है, पर इन सभी के पते अलग-अलग हैं। छाीसगढ़ का पता दस्तावेजों में साफ-साफ लिखा है। पुलिस को आशंका है कि यह सभी सॉल्वर एक ही गैंग के हो सकते हैं। इतना ही नहीं इसकी भी पूरी संभावना है कि परीक्षा देते समय लिखाए गए एड्रेस भी फर्जी हो सकते हैं, जिससे यह गैंग पुलिस की पकड़ में न आ सके। पुलिस इस एंगल को लेकर भी जांच कर रही है।
सभी सॉल्वर एक ही गैंग के होने की संभावना
पुलिस को आशंका है कि यह सभी सॉल्वर एक ही गैंग के हो सकते हैं। इतना ही नहीं इसकी भी पूरी संभावना है कि परीक्षा देते समय लिखाए गए एड्रेस भी फर्जी हो सकते हैं, जिससे यह गैंग पुलिस की पकड़ में न आ सके। फर्जीवाड़े में पकड़े गए सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
जहां से पुलिस रिमांड की मांग करेगी, ताकि आरोपियों से पूंछताछ कर इस मामले में और तह तक जाया जा सके। क्योंकि पुलिस को आशंका है कि इस तरह का एक बड़ा नेटवर्क देश में काम कर रहा है, जो और भी कई प्रयोगिक परिक्षाओं में सॉल्वर की मदद से लोगों को पास कराता है।