MP News: एमपी में चार लाख शिक्षकों को मिलेगा 31 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश

गर्मी में विद्यार्थी 46 दिन नहीं जाएंगे स्कूल, 16 जून से फिर संचालित होंगी कक्षाएं, शिक्षकों के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश 1 मई से 31 मई तक रहेगा

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भोपाल। प्रदेश के करीब चार लाख शिक्षकों को 31 दिन की गर्मियों की छुट्टियां मिलेंगी। विद्यार्थी 46 दिन स्कूल नहीं जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने छुट्टियों को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। दूसरी तरफ सिर्फ गर्मियों की छुट्टियों में काम करने वाले शिक्षकों को अर्जित अवकाश मिलेगा। इस व्यवस्था में भी छुट्टी के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। प्रदेश में शिक्षकों को पूर्व में दो माह यानी 60 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश मिलता था। बाद में इसे धीरे-धीरे कम कर चालीस दिन का कर दिया गया।


 शैक्षणिक सत्र 2024-25 में शिक्षकों की छुट्टी फिर से घटा दी गई। मौजूदा सत्र 2025-2026 में शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश 31 दिन का मिल रहा है। इस बार शिक्षकों के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश 1 मई 2025 से 31 मई 2025 तक रहेगा, जबकि विद्यार्थियों के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश 1 मई से 15 जून तक रहेगा।


 छात्रों को कुल 46 दिन का अवकाश मिलेगा। एमपी में ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी शिक्षकों से काम कराया जाता है। इस दौरान विद्यार्थियों के प्रवेश, मध्यान्ह भोजन, प्रशिक्षण जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस कारण शिक्षकों को बामुश्किल पांच-सात दिन का ही ग्रीष्मकालीन अवकाश का लाभ मिल पाता है।


 शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश की पूरी छुट्टियां कार्य करते हुए निकल जाती हैं। ग्रीष्मकालीन अवकाश के अलावा शिक्षकों को सालभर में कुल 26 छुट्टियां मिलती हैं। ग्रीष्मकालीन अवकाश में काम कराने का शिक्षक कई सालों से विरोध कर रहे हैं। शिक्षकों को गर्मियों की छुट्टियों में काम के लिए बुलाने पर संबंधित जिले के कलेक्टर एक वर्ष में अधिकतम पंद्रह दिन व विभागाध्यक्ष एक वर्ष में अधिकतम 30 दिन अवकाश स्वीकृत कर सकते हैं।


सरकारी कर्मचारियों की भांति मिले अवकाश
प्रदेश के कई शिक्षक संगठन सरकारी कर्मचारियों की भांति अवकाश की मांग रहे हैं। शासकीय अध्यापक संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र कौशल का कहना है कि शिक्षकों के ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त कर शासकीय कर्मचारियों की भांति अवकाश मिलना चाहिए। 


जब स्कूल शिक्षा विभाग का सत्र एक अप्रैल से शुरू हो जाता है और ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी गतिविधियां चलती हैं, तो गर्मियों की छुट्टी को खत्म कर देना चाहिए, ताकि शिक्षक अपनी सुविधा अनुसार सालभर शासकीय कर्मचारियों की भांति छुट्टी ले सकें।


काम के बदले में नहीं मिलता अर्जित अवकाश
एजुकेशन पोर्टल के माड्यूल पर समस्त संकुल प्राचार्य शिक्षकों की जानकारी एवं वंछित अभिलेखों की प्रति पोर्टल पर अपलोड करना होती है। संचालनालय लोक शिक्षण द्वारा जारी स्वीकृति के आधार पर संबंधित शिक्षक को अर्जित अवकाश की पात्रता होती है, लेकिन प्रदेश में संकुल प्राचार्य ऐसा नहीं करते हैं। इस कारण अधिकांश शिक्षकों से गर्मियों की छुट्टी में काम कराए जाते हैं और उन्हें अर्जित अवकाश भी नहीं दिया जाता है।