MP News: सेहत के लिए जहर से भी ज्यादा खतरनाक है नकली आलू, मंडियों में एंट्री को लेकर अलर्ट
मप्र का फूड सेफ्टी विभाग भी जल्द ही सब्जी मंडियों पर ऐसे आलुओं की करेगा निगरानी, होगी कार्रवाई

भोपाल। सब्जियों का 'राजा' आलू भी अब नकली बनाया जाने लगा है। आपको सुनकर हैरानी होगी पर ये सच है। दरअसल, सब्जियों में आलू की सबसे ज्यादा बिक्री होती है और इससे ज्यादा प्रॉफिट कमाने के चक्कर में कुछ बड़े व्यापारी 'आलू कांड' कर रहे हैं। फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने ये चौंकाने वाला खुलासा किया है कि बाजार में नकली आलू की एंट्री हो चुकी है और इस पर ताबड़तोड़ कार्रवाई भी हो रही है।
कैसे बन रहा नकली आलू
हाल ही में फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने यूपी के बलिया में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 21 क्विंटल नकली आलू जब्त किया है। एफएसडीए के मुताबिक, 'आलुओं को केमिकल से पकाकर और रंग में रंगकर बेचा जा रहा था। ऐसे नकली आलू सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं।' केमिकल से पकाकर तैयार किए गए आलू में कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें आर्सेनिक और फॉस्फोरस की मात्रा होती है। ये रसायन आपके शरीर में विष की तरह काम कर सकते हैं और इससे पेट में जलन, उल्टी, घबराहाट, डायरिया जैसी समस्या हो सकती है। वहीं लंबे समय तक ऐसे आलुओं के इस्तेमाल से कैंसर तक हो सकता है।
अलर्ट मोड में डॉ. मोहन सरकार
यूपी के बलिया में 21 क्विंटल नकली आलू की खेप पकड़े जाने के बाद मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार भी अलर्ट हो गई है। माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश का फूड सेफ्टी विभाग भी जल्द ही सब्जी मंडियों पर ऐसे आलुओं की निगरानी करेगा और नकली आलू बेचने वालों पर कार्रवाई भी करेगा। मध्य प्रदेश खाद्य एवं औषधि प्रशासन की जॉइंट कंट्रोलर माया अवस्थी ने कहा, 'प्रदेश में लगातार खाद्य पदार्थ और सब्जियों की जांच की जा रही है। त्यौहार को देखकर प्रदेशभर में इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं। जहां तक आलू पर कलर कर बेचने का सवाल है तो फल सब्जियों की भी जांच की जाएगी। गड़बड़ी मिलने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आम लोग भी खाद्य पदार्थ को खरीदते समय जागरुक रहे गड़बड़ी मिलने पर विभाग में इसकी शिकायत करें।'
ऐसे करें नकली आलू की पहचान
मध्यप्रदेश में भी आलू की जबर्दस्त बिक्री होती है। सब्जियों से लेकर कई तरह के स्नैक्स आलू से तैयार किए जाते हैं, इसी वजह से इसकी सबसे ज्यादा डिमांड भी रहती है, लेकिन आलू खरीदने से पहले सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सफेद आलुओं में कैंसर कारक डाई का इस्तेमाल कर उन्हें बाजार में ज्यादा कीमतों पर बेचा जाता है और अच्छी क्वालिटी के लोभ में लोग नकली और खतरनाक आलू खरीद लेते हैं।
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक 'नकली आलू की पहचान करने के लिए आलू को हाथ में लेकर उसे हल्का सा मसलें। अगर आलू रंग छोड़ने लगता है, तो यह नकली हो सकता है। इसके अलावा, हल्के गरम पानी में आलू को डुबाकर देखें। आलू पर कोई नकली रंग चढ़ा होगा, तो वह पानी में निकलने लगेगा।