MP News: एमपी में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के पहले एक्सपोर्ट पॉलिसी 2025 का मसौदा तैयार, जल्द आएगी केबिनेट में

पांच साल में एक्सपोर्ट एक लाख करोड़ तक ले जाने का टारगेट, मेड इन मप्र पर रहेगा फोकस

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भोपाल। मप्र से अगले पांच साल यानि 2029 तक दुनिया भर में एक लाख करोड़ रुपए का सामान एक्सपोर्ट करने का टारगेट है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 65,255 करोड़ के प्रोडेक्ट्स 200 देशों में भेजे गए थे। अब निर्यात में खास तौर से मेड इन मध्य प्रदेश उत्पादों पर फोकस किया जाएगा। इसे बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को सब्सिडी के साथ ही खर्च की प्रतिपूर्ति भी की जाएगी।


 राज्य की एक्सपोर्ट पॉलिसी 2025 के मसौदे में यह प्रस्तावित किया गया है। राजधानी में अगले महीने होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को ध्यान में रखते हुए यह नीति तैयार की गई है। बताया जा रहा है इसे जल्द ही केबिनेट की मंजूरी के लिए रखा जाएगा। एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन इस नीति को अमलीजामा पहनाने के लिए नोडल एजेंसी रहेगा।


इंफ्रास्ट्रचर डेवलपमेंट पर 25 फीसदी सब्सिडी
ड्राफ्ट में प्रस्तावित किया गया है कि एक्सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर एक करोड़ रुपए तक के निवेश पर 25 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। यह एक बार मिलेगी। वहीं 25 फीसदी से अधिक माल निर्यात करने वाले बड़े उद्योगों को सहायता दी जाएगी। पहली बार निर्यात कर रहे उद्योगों को रजिस्ट्रेशन व मेंबरशिप सर्टिफिकेशन पर खर्च होने वाली राशि का दस लाख रुपए तक लौटाया जाएगा। साथ ही 25 लाख रुपए तक की एक्सपोर्ट इंश्योरेंस प्रीमियम की प्रतिपूर्ति भी की जाएगी।


डेडीकैटेड एक्सपोर्ट पार्क को देंगे बढ़ावा
राज्य सरकार डेडीकैटेड एक्सपोर्ट पार्क को बढ़ावा देगी। इसके लिए शर्त रहेगी कि पार्क में स्थित 70 फीसदी से अधिक इंडस्ट्रीज निर्यात करने वाली होना चाहिए। यह न्यूनतम 25 एकड़ क्षेत्र में हों। ऐसे पार्क की रजिस्ट्रेशन शुल्क व स्टांप फीस की 100 फीसदी राशि वापस की जाएगी।


एसपोर्ट प्रमोशन काउंसिल बनाएगी पांच साल का एक्शन प्लान
नीति को अमलीजामा पहनाने के लिए मप्र एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल बनाई जाएगी। यह निर्माण, सर्विस और बिजनेस सेक्टर के विकास के लिए काम करेगी। उद्यमिता, एक्सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और इससे जुड़ा ईको सिस्टम तैयार करेगी। पांच साल का एक्सपोर्ट एक्शन प्लान भी बनाएगी।

अनुमानित बजट का आंकलन करेगी और केंद्र सरकार को निर्यात नीति को लेकर सुझाव भी देगी। निर्यातकों की समस्याओं का निराकरण करेगी। राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सभी संबंधितों से समन्वय बनाएगी। काउंसिल की गर्वनिंग बॉडी के चेयरमैन मुख्यमंत्री और एग्जीक्युटिव कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे।


पॉलिसी में यह भी खास

  • निर्यात इंसेंटिव का दावा करने पर प्रमाणीकरण की प्रक्रिया में काफी समय लगता है, इसमें कमी लाना।
  • विभिन्न दफ्तरों में मांगे जाने वाले एक ही तरह के दस्तावेजों की मांग खत्म करना।
  • बड़े निर्यात उद्योगों का शेयर बढ़ाना।
  • प्रदेश में रोजगार के अवसरों में बढ़ोत्तरी करना।
  • छोटे व मझौले उद्योगों पर खास तौर से फोकस कर उनका अंतर्राष्ट्रीयकरण करना।
  • आधुनिक निर्माण तकनीकों का उपयोग, वैश्विक बाजार की जानकारी देना, उद्योगों को जरूरत व मांग के बारे में बताना।