MP News: 200 करोड़ का जेट प्लेन खरीदेगी डॉ मोहन सरकार, मंत्रियों के लिए 31 नए वाहनों की तैयारी

दो साल पूर्व शिवराज सरकार ने जेट प्लेन खरीदने शुरू किया था प्रयास

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mohan yadav sarkar

मध्य प्रदेश सरकार दो साल से जेट प्लेन खरीदने के लिए प्रयास कर रही है लेकिन अब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। इसके लिए बजट में 150 करोड़ रुपये का प्रविधान भी रखा था लेकिन कुछ नए प्रविधान के कारण मामला अटक गया। अब पूर्व निविदा की गई है. जिसमें कुछ कंपनियों ने अपने प्रस्ताव दिए हैं, जिन पर निर्णय लिया जाना है।

वहीं, हेलिकाप्टर लेने के लिए एक्सप्रेशन आफ इंट्रेस्ट (इओआइ) जारी की गई है। कंपनियों द्वारा आपूर्ति की रूचि दिखाने पर आगामी कार्यवाही की जाएगी। शिवराज सरकार में जेट प्लेन खरीदने के लिए बजट में 150 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया था। अमेरिका की टेक्स्ट्रान एविएशन कंपनी से बात भी हुई थी और वह 208 करोड़ रुपये में जेट प्लेन देने के लिए तैयार भी हो गई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के प्रभावी हो जाने से प्रक्रिया रुक गई थी।


 मोहन सरकार में नए सिरे से कवायद हुई और पूर्व निविदा जारी की गई। विमानन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुछ कंपनियों ने  प्लेन देने के प्रस्ताव दिए हैं। इनका परीक्षण कर आगामी कार्यवाही की जाएगी। जेट प्लेन ऐसा लिया जा रहा है जिसमें दो पायलट के अलावा आठ से दस यात्रियों को ले जाने की की बजाए दो हजार नोटीकल माइल उड़ान भरने की क्षमता हो। रात में भी टैकआफ और लैंड कर सके। पांच हजार फीट को हवाई पट्टी पर भी उतर सके। इसी तरह हेलिकाप्टर भी आठ से दस यात्रियों ले जाने सहित रात में टैकआफ को ले और लैंड कर सके।

31 नए वाहन खरीदने की भी तैयारी
उधर, सरकार मंत्रियों के लिए नए वाहन खरीदने की तैयारी भी कर रही है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी होने के पहले स्टेट गैराज ने इनोवा क्रिस्टा खरीदने के लिए प्रस्ताव दिया था। इसमें 28 वाहन मंत्रियों, दो उप मुख्यमंत्री और एक मुख्यमंत्री के काफिले के लिए लेना प्रस्तावित किया था। वित्त विभाग ने प्रस्ताव पर मौजूदा वाहनों की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी है। इसमें पूछा गया है कि अभी जो वाहन हैं, वे कितने किलोमीटर चल चुके हैं और क्यों बदले जाने चाहिए। 

तीन साल में 18 वाहन खरीद चुकी है सरकार 
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2020, 2021 और 2022 में 18 नए वाहन खरीदे थे, जो मंत्रियों को आवंटित हैं। मध्य प्रदेश स्टेट गैराज के अधिकारियों का कहना है कि वाहनों का नियमित तौर पर रखरखाव होता है। 45 हजार किलोमीटर बलने पर टायर बदल दिए जाते हैं और प्रति दस हजार किलोमीटर पर सर्विसिंग कराई जाती है। यदि अच्छा हो तो पांच लाख किलोमीटर चलने पर भी कोई परेशानी नहीं आती है।