MP News: चुनाव बाद एमपी के निगम-मंडलों में होंगी नियुक्तियां, कांग्रेस छोड़ने वालों को भी आस

विधानसभा व लोकसभा में टिकट कटने वालों को भी किया जा सकता है एडजस्ट

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भोपाल। चार जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद निगम-मंडल और बोर्ड में राजनीतिक नियुक्तियां की जाएंगी। इसमें उन लोगों को प्राथमिकता मिलेगी, जिनके विधानसभा और लोकसभा चुनाव में रिटे और इन दावेदारों को दर्जा मंत्री बनाने का आश्वासन दिया गया था। इसके अलावा कांग्रेस से आए कुछ चुनिंदा नेताओं की ताजपोशी भी निगम- मंडलों में हो सकती है। शिवराज सरकार में भाजपा के उन संभागीय संगठन मंत्रियों को भी निगम- मंडल में तैनात किया गया था, जिन्हें पार्टी ने विधानसभा चुनाव के बाद हटाया था।  इनमें से कुछ भाजपा के पूर्णकालिक कार्यकर्ता भी हैं। अब तय किया गया है कि उन सभी पूर्व संगठन मंत्रियों को एक बार फिर मंत्री दर्जा दिया जाएगा। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कई नेताओं की टिकट काटी गई थी। 

इनमें से कुछ नेताओं के पुनर्वास का पार्टी ने आश्वासन दिया था। संभावना है कि चुनाव बाद सरकार ऐसे < नेताओं को मंत्री दर्जा दे सकती है। भाजपा इस बात पर भी विचार कर रही है कि जिन ?नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है, उन्हें भी निगम-मंडल में समायोजित किया जा सके।

शिवराज सरकार में भाजपा के पूर्व संभागीय संगठन मंत्रियों को निगम-मंडल में पदस्थ कर मंत्री दर्जा दिया गया था। लेकिन पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव के बाद इन नेताओं को हटा दिया गया था। पार्टी सूत्रों ने बताया कि उन सभी पूर्व संभागीय संगठन मंत्रियों को एकबार और अवसर देकर निगम में तैनात किया जाएगा।

कांग्रेस के भी कई नेताओं ने भाजपा का दामन थामा है, उनमें से कुछ को पार्टी ने मंत्री दर्जा देने का आश्वासन दिया था, उनके नाम पर पार्टी विचार कर सकती है। कांग्रेस से सुरेश पचौरी सहित तीन पूर्व सांसदों ने भाजपा की शरण ली थी। इसी तरह कमल नाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में भाजपा ने दीपक सक्सेना को तोड़कर झटका दिया था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने सुरेश पचौरी को राज्यसभा भेजने का वादा किया था। प्रदेश में गुना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया यदि चुनाव जीत जाते हैं तो उनकी राज्यसभा सीट से किसी को राज्यसभा भेजा जा सकता है।

निरस्त हो चुकी हैं निगम- मंडल में नियुक्तियां
चुनाव बाद निगम, मंडल और प्राधिकरणों में राजनीतिक नियुक्तियों को निरस्त करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया है। इन सभी को कैबिनेट व राज्य मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। इससे पहले सरकार ने मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड के अध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा, उपाध्यक्ष नरेंद बिरथरे और राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सत्येंद्र भूषण सिंह सहित नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने भोपाल, इंदौर, उज्जैन, देवास सहित अन्य विकास प्राधिकरणों में नियुक्त किए गए अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति भी निरस्त कर दिए थे।