MP News: जबलपुर में 7 किमी लंबा केबल स्टेट ब्रिज तैयार, ब्रिज के ठीक नीचे मदन महल रेलवे स्टेशन

इंजीनियरिंग का गजब नमूना है 385 लंबा मीटर सिंगल स्पान केबल स्टे ब्रिज 

 | 
MP

भोपाल। मध्य प्रदेश के जबलपुर में सिंगल स्पान केबल स्टे ब्रिज बनाया गया है, जिसका निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। यह पुल 2 बड़े-बड़े पिलर्स पर खड़ा हुआ है, जिसकी लंबाई लगभग 385 मीटर है। यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा केबल स्टेट ब्रिज है। संभवत: यह ऐसा पहला ब्रिज है, जिसके ठीक नीचे एक रेलवे स्टेशन है।


इस रेलवे स्टेशन का नाम मदन महल है। इस पुल का निर्माण मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग ने करवाया है। जबलपुर शहर की बशाहट रेलवे लाइन के दोनों तरफ बड़े पैमाने पर बस रही है। दिनभर लोगों को अपने कामकाज के लिए शहर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में आना जाना पड़ता है।


आवागमन के लिए जबलपुर में रेलवे लाइन के नीचे से 4 अंडर पास हैं और 2 ओवर ब्रिज हैं, लेकिन यातायात के दबाव के चलते इन सभी स्थान पर दिन भर ट्रैफिक जाम के हालात बने रहते थे। इसी के चलते जबलपुर में एक फ्लाईओवर स्वीकृत किया गया। लोक निर्माण विभाग लगभग 7 किलोमीटर लंबा यह फ्लाई ओवर बनकर तैयार हो गया है।


आईआईटी के इंजीनियर का डिजाइन
इस ब्रिज में रेलवे स्टेशन के दोनों तरफ 2 बड़े-बड़े पिलर हैं। इन दोनों पिलर्स पर यह 385 मीटर लंबा ब्रिज लटका हुआ है। इसे मोटे-मोटे केबल से बनाया गया है। इस ब्रिज का डिजाइन आईआईटी मुंबई और मद्रास के इंजीनियर ने मिलकर बनाया था। इसे दक्षिण भारत की सीसी नाम की कंपनी ने निर्मित किया है।


निर्माण का अनोखा तरीका
इस ब्रिज का काम बीते लगभग 3 सालों से चल रहा था, जो इस माह पूरे होने की संभावना है। ब्रिज के दोनों हिस्सों को आपस में जोड़ दिया गया है। निर्माण की खासियत यह रही की पूरे निर्माण के दौरान एक भी दिन के लिए भी ट्रेनों के आवागमन को नहीं रोका गया। 


वहीं दूसरी तरफ निर्माण के कोई भी सपोर्ट जमीन से नहीं लिया गया, बल्कि ऊपर ही एक सपोर्टिंग सिस्टम था, जो धीरे-धीरे आगे बढ़ता गया और यह निर्माण लगभग पूरा हो गया। इसका लगभग 192 मीटर लंबा हिस्सा रेलवे स्टेशन के ऊपर से गुजर रहा है।


56 एस्ट्रा डोज केबल्स
इस केबल ब्रिज में 56 एस्ट्रा डोज केबल लगाई गई है। यह ब्रिज लगभग 70 टन वजन को उठाने की क्षमता रखता है। इसकी जमीन से ऊंचाई लगभग 37 मीटर है। दोनों पिलर्स को बनाने के लिए बड़ी-बड़ी क्रेन के अलावा दोनों पिलर्स में अस्थाई लिफ्ट भी लगाई गई हैं। जबलपुर भूकंप संवेदी क्षेत्र है, इसलिए इन पिलर्स को बहुत मजबूती से भूकंप रोधी तकनीक से बनाया गया है।


रेलवे स्टेशन बना था चुनौती
इस फ्लाईओवर का एक हिस्सा ठीक मदन महल स्टेशन के ऊपर से होकर गुजर रहा है। जब इसकी योजना बनाई जा रही थी, तब इंजीनियरों के सामने कई बड़ी चुनौतियां थी। लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री शिवेंद्र सिंह ने बताया, 'उस समय सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि रेलवे स्टेशन के अलावा और कहीं से इसे निकाला नहीं जा सकता था। रेलवे स्टेशन पर मौजूदा 4 रेल लाइनों के अलावा दोनों तरफ प्लेटफार्म थे। 


भविष्य की योजना को देखते हुए यदि रेलवे स्टेशन को और चौड़ा किया गया तो यह पुल बाधा न बने, इसलिए इसकी चौड़ाई बढ़ाई गई है। बीच में कोई भी पिलर न डालने की चुनौती थी, इसलिए इसे सिंगल स्पाम केबल स्टे ब्रिज के रूप में बनाने का फैसला लिया गया।