MP News: एमपी में 10 हजार स्कूल बंद होने की कगार पर, राज्य शिक्षा केंद्र और निजी स्कूलों के बीच छिड़ी जंग

मान्यता लेने के लिए सात फरवरी तक अंतिम अवसर, प्रायवेट स्कूल संचालक कल भाजपा कार्यालय के सामने धरना देकर कराएंगे मुंडन

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भोपाल। राज्य शिक्षा केंद्र और निजी स्कूल संचालकों को बीच घमासान मचा हुआ है। इस घमासान से दस हजार हजार स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक हरजिंदर सिंह ने पत्र जारी कर कहा है कि निजी स्कूलों को सत्र 2025-26 की मान्यता नवीनीकरण या नवीन मान्यता के आवेदन करने की अंतिम तिथि सात फरवरी तक सामान्य शुल्क के साथ रहेगी।


इसके इतर, निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि जब तक मान्यता में आ रही कठिनाइयों को दूर नहीं किया जाता, आवेदन नहीं किया जाएगा। मान्यता के नए नियमों के विरोध में निजी स्कूल संचालक चार फरवरी को भाजपा कार्यालय के समक्ष धरना देकर मुंडन कराएंगे और इच्छामृत्यु की मांग करेंगे।


प्रदेश के निजी स्कूलों की पहली से आठवीं की मान्यता व मान्यता नवीनीकरण का जिम्मा राज्य शिक्षा केंद्र के पास है। स्कूल संचालन के लिए राज्य शिक्षा केंद्र से मान्यता लेनी पड़ती है, जिनका नवीनीकरण तीन वर्ष में किया जाता है। वर्तमान में पूर्व से संचालित स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण की प्रक्रिया चल रही है। 


इस बार की मान्यता नवीनीकरण में शासन द्वारा पंजीकृत किरायानामा बनवाने की अनिवार्यता कर दी है। राजस्व के नए पोर्टल संपदा 2.0 के कारण पंजीकृत किरायानामा बनवाने में भी समस्या आ रही है। इसके चलते 27 जनवरी 2025 की स्थिति में राज्य के 26622 स्कूलों में से कुल 16316 स्कूलों ने आवेदन किया है। 


पंजीकृत किरायानामा नहीं बनने के कारण 9906 स्कूल प्रबंधन मान्यता के लिए आवेदन नहीं कर पाए हैं। अब संचालक राज्य शिक्षा केंद्र हरजिंदर सिंह ने 31 जनवरी को पत्र जारी कर कहा है कि आरटीई के अंतर्गत सत्र 2025-26 के लिए निजी स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण और नवीन मान्यता आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 एवं विशेष विलंब शुल्क के साथ 7 फरवरी 2025 निर्धारित की गई थी। 


वर्तमान में पोर्टल से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रदेश में कई ऐसे विद्यालय हैं, जिनकी मान्यता 31 मार्च 2025 को समाप्त हो रही है। कुछ अशासकीय स्कूलों द्वारा अवगत कराया गया है कि पंजीकृत किरायानामा बनाने में संपदा-2 पोर्टल पर विलंब हो रहा है, जबकि आरटीई में स्पष्ट है कि निर्धारित समय में मान्यता के लिए आनलाइन आवेदन नहीं किया जाता है, तो स्कूल की मान्यता स्वत: समाप्त हो जाएगी। बिना मान्यता के स्कूल का संचालन दंडनीय अपराध होगा। 


इसे ध्यान में रखते हुए अशासकीय स्कूलों द्वारा मान्यता नवीनीकरण व नवीन मान्यता आवेदन करने की अंतिम तिथि 7 फरवरी 2025 की जाती है। 14 फरवरी 2025 तक विशेष विलंब शुल्क का भुगतान कर आवेदन किया जा सकेगा। इसके उपरांत मान्यता आवेदन की अंतिम तिथि में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं की जाएगी।


एक प्रदेश अलग-अलग नियम, मदरसों पर मेहरबान सरकार
प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि राजधानी समेत देशभर में आइटीई का नियम लागू है। बावजूद इसके मान्यता के लिए राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा शुल्क लिया जा रहा है। मध्य प्रदेश में मान्यता के अलग-अलग नियम हैं।


 मदरसों को बिना मान्यता के पांचवीं-आठवीं की परीक्षा में शामिल किया जाता है, जबकि सामान्य स्कूलों के लिए मनमाने नियम थोपे जा रहे हैं। सरकार ने मान्यता के नियमों को बहुत जटिल कर दिया है। इससे सबसे अधिक कठिनाई ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही है। जब से प्रदेश में प्रायवेट स्कूल प्रारंभ हुए हैं, तब से नोटरीकृत किरायानामा को महत्व दिया गया था। 


अब संपदा 2.0 में पंजीकृत किरायानामा कर दिया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में खुले स्कूलों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। एसोसिएशन का कहना है कि सत्र 202526 के मान्यता आवेदन पर रजिस्टर्ड किराया नामा एवं सुरक्षा निधि जमा नहीं की जाएगी। अब जल्दी उग्र आंदोलन शुरू होगा।