Mauganj News: एक साल में 5 फ़ीसदी भी नहीं हो पाया मऊगंज औद्योगिक पार्क का विकास, PM मोदी ने किया था भूमिपूजन
संविदा कार्यपालन यंत्री केके गर्ग की शह पर ठेका कंपनी पीपीएस बिल्डर्स कर रही मनमानी, विन्ध्य का विकास हो रहा प्रभावित
रीवा संभाग के मऊगंज जिले में इण्डस्ट्रियल पार्क का सपना फिलहाल सच होता नहीं दिखाई दे रहा है। खास बात यह है कि मऊगंज में इण्डस्ट्रियल पार्क का भूमिपूजन तकरीबन साल भर पहले देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाकायदा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया था। इस अवसर पर मऊगंज में विधायक प्रदीप पटेल के हाथों भी औपचारिक रूप से समारोहपूर्वक भूमिपूजन भी किया गया था। साल भर हो रहे हैं लेकिन मऊगंज की तकदीर में इण्डस्ट्रियल पार्क के नाम पर अभी तक सिर्फ सड़क के किनारे उधड़ा साइन बोर्ड और ठेका कंपनी द्वारा महज दिखावे के लिए फैलाई गई थोड़ी निर्माण सामग्री ही नसीब है।
62 करोड़ से विकसित होना है औद्योगिक पार्क
मिली जानकारी के मुताबिक मऊगंज के घुरेहटा में औद्योगिक पार्क के नाम पर चयनित की गई लगभग 450 हेक्टेयर भूमि को विकसित करने के लिए 62 करोड़ रुपए का टेण्डर हुआ था, जिसका भूमिपूजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तामझाम के साथ किया गया था। 62 करोड़ के विकास कार्य में 450 हेक्टेयर भूमि के समतलीकरण के साथ ही वहां सड़क, बिजली, नाली और पानी जैसी बुनियादी व्यवस्थाओं को मुहैय्या कराना है। लेकिन साल भर होने को आये हैं और मौके पर अभी तक 5 फ़ीसदी विकास कार्य भी नहीं हुआ है।
समतल तक नहीं हुई पूरी जमीन
लगभग साल भर हो रहे हैं और सरकार भी चाहे राज्य हो या केन्द्र, दोनों ही जगह बीजेपी की है, इसके बावजूद औद्योगिक पार्क की जमीन पर विकास कार्य का यथार्थ के धरातल पर केवल श्रीगणेश भर हुआ है। चयनित पूरी 450 हेक्टेयर जमीन अभी समतलीकरण तक के लिए मोहताज है, बाकी का तमाम विकास कब होगा, यह भविष्य के गर्भ में है। ताज्जुब तो इस बात पर है कि ठेका कंपनी पी.पी.एस. बिल्डर्स को इस बात की जरा भी चिंता नहीं है कि जिस काम को वह इतना हलके से ले रही है, वह इतना महत्वपूर्ण है कि उसका भूमिपूजन स्वयं प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन किया था।
सतना में कर रहे घटिया काम
बताया गया है कि इस औद्योगिक पार्क का ठेका जिस पी.पी.एस. बिल्डर्स को दिया गया है, वही फर्म सतना स्मार्ट सिटी का भी काम कर रही है। सतना स्मार्ट सिटी के कामों में लापरवाही और गुणवत्ताहीनता के कारण पी.पी.एस. बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड पर गंभीर आरोप लगे हैं। उत्तर प्रदेश के बुलंद शहर के पते पर रजिस्टर्ड पी.पी.एस. बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा गुणवत्ताविहीन कार्यों के खिलाफ सतना नगर निगम अध्यक्ष राजेश चतुर्वेदी (पालन) ने भी शिकायत की है।
संविदा ईई केके गर्ग का संरक्षण
सूत्रों के अनुसार मऊगंज औद्योगिक पार्क को भूमिपूजन के साल भर बाद भी ठेका कंपनी पी.पी.एस. बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा काम शुरू करने की हीलाहवाली के पीछे मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम में संविदा पर कार्यरत कार्यपालन यंत्री के.के. गर्ग का संरक्षण होना बताया गया है। एमपीआईडीसी में संविदा पर काम कर रहे कार्यपालन यंत्री के.के. गर्ग की भूमिका पी.पी.एस. बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड को ठेका दिलाने की सेटिंग जमाने में भी बताई जा रही है। अब इन्हीं की शह पर ठेका कंपनी ने मऊगंज (घुरेहटा) औद्योगिक पार्क का काम पूरी तरह से लटका रखा है।
कारगुजारियों को लेकर चर्चित रहे हैं गर्ग
मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम में संविदा पर कार्य कर रहे कार्यपालन यंत्री के.के. गर्ग पूर्व से अपनी कारगुजारियों को लेकर चर्चित रहे हैं। वे भले ही पीडब्ल्यूडी रीवा में सहायक यंत्री के पद पर पदस्थ थे, लेकिन उनके कार्यकाल में विन्ध्य क्षेत्र की न जाने कितनी सड़कें, पुलिया और नालियां कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गईं। पीडब्ल्यूडी से सेवानिवृत्ति के बाद राजनीतिक पहुंच का लाभ उठाते हुए के.के.गर्ग संविदा कार्यपालन यंत्री के रूप में मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम में पहुंच गए और अब उनकी 'नजर' मऊगंज औद्योगिक पार्क पर है।
सरकारी बंगले का नहीं छूट रहा मोह
के.के.गर्ग की पहुंच का अंदाजा ऐसे भी लगाया जा सकता है कि पीडब्ल्यूडी से रिटायरमेंट के डेढ़ साल बाद भी वे सिविल लाइन्स रीवा के बंगला नं. 6 में रह रहे हैं और सरकारी बंगले में रहने का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं, जबकि यह बंगला ओमकारनाथ मिश्रा के नाम पर अलॉट बताया जा रहा है।