रीवा-सतना के रूठे भाजपाईयों को मनाएंगे कैलाश विजयवर्गीय, सीधी-सिंगरौली की जिम्मेदारी राजेंद्र शुक्ल को

आपसी मतभेद से भाजपा आलाकमान चिंतित, बनाई 14 वरिष्ठ नेताओं की टीम

 | 
rajendra

2023 विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी अपने उन नेताओं को मनाने में जुट गई है जो काफी समय से हाशिए में चले गए हैं इन नाराज नेताओं को मनाने के लिए 14 नेताओं को अलग-अलग जिलों का जिम्मा दिया गया है, इन 14 नेताओं के दल में तीन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शामिल है। बताया जा रहा है कि आगामी 15 अप्रैल तक यह नेता जिलों में घूम कर पार्टी के नाराज नेता और कार्यकर्ताओं से संवाद कर संगठन को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। रीवा और सतना को के रूठों को मनाने की जिम्मेदारी वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय को सौंपी गई है। 

इन नेताओं को सौंपी गई जिम्मेदारी
पार्टी से नाराज चल रहे नेता- कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए जिन वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है उनमें से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद राकेश सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ-साथ सरकार के वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव, कैलाश विजयवर्गीय, राजेंद्र शुक्ल, माखन सिंह, सत्यनारायण जटिया, फग्गन सिंह कुलस्ते, लाल सिंह आर्य और सुधीर गुप्ता शामिल है।


इन जिलों की मिली जिम्मेदारी
कैलाश विजयवर्गीय कोविंद के रीवा सतना के साथ-साथ जबलपुर और धार जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं नरेंद्र सिंह तोमर इंदौर, भोपाल और सीहोर के रूठों को मनाएंगे जबकि राकेश सिंह नर्मदापुरम, बैतूल, मंडला का दौरा करेंगे। विंध्य के कद्दावर बीजेपी नेता राजेंद्र शुक्ला को सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, उमरिया और शहडोल जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है गोपाल भार्गव को छिंदवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, प्रभात झा को खरगोन, बुरहानपुर,  जय भान सिंह पवैया को उज्जैन, शाजापुर, देवास ,माखन सिंह को गुना शिवपुरी, श्योपुर, कृष्ण मुरारी मोघे को विदिशा, रायसेन, सागर, सत्यनारायण जटिया को रतलाम, मंदसौर, नीमच, फग्गन सिंह कुलस्ते को झाबुआ, अलीराजपुर माया सिंह को राजगढ़, नरसिंहपुर, दतिया लाल सिंह आर्य को टीकमगढ़, कटनी, पन्ना, छतरपुर सुधीर गुप्ता को ग्वालियर, भिंड, मुरैना की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 


माना जा रहा है कि पिछले दो दशक से प्रदेश की सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी में भी संगठनात्मक एकता नहीं बची है सत्ता और संगठन के बीच अब गहरी खाई नजर आ रही है और 2018 के चुनाव के बाद से हटाई बढ़ती गई इससे भाजपा आलाकमान भी चिंतित है रीवा जिले के संदर्भ में बात करें तो पिछले 23 साल से नगर निगम में काबिज भाजपा को इस बार विपक्ष में बैठना पड़ा और इसके पीछे सत्ता संगठन में समन्वय की कमी मारा जा रहा है इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं भारतीय जनता पार्टी 200 पाठ का संकल्प लेकर मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है लेकिन ऐसी परिस्थिति में इस संकल्प को पूरा करने कई दिक्कतें सामने आ रही हैं।


रीवा और सतना के रूठों को मनाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को रीवा सतना की जिम्मेदारी दी गई है कैलाश विजयवर्गीय असंतुष्ट भाजपाइयों को एक साथ लाने में कितना सफल होंगे यह तो वक्त ही बताएगा। कैलाश विजयवर्गीय को भाजपा का सोशलिज्म रणनीतिकार माना जाता है उन्हें पश्चिम बंगाल का दायित्व सौंपा गया था जिसके सकारात्मक परिणाम आ चुके हैं।