SGMH रीवा में शुरू हुई नेक पहल, लावारिस लाशों के दफन और कफ़न की व्यवस्था करेगा अस्पताल प्रबंधन

संजय गांधी अस्पताल में समाजसेवियों के सहयोग से नई व्यवस्था हो रही शुरू, गरीबों को भी उपलब्ध कराई जाएगी मदद

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रीवा के संजय गांधी अस्पताल में आज से नई पहल शुरू होने जा रही है। दरसल   एसजीएमएच प्रबंधन अब लावारिश लाशों के कफन और दफन की व्यवस्था खुद करेगा। यह समासेवियों के सहयोग से संभव हुआ है। फंड जुटाकर लावारिश लाशों को दफनाया जाएगा। इतना ही नहीं इसका फायदा गरीबों और लाचारों को भी मिलेगा।
ज्ञात हो कि लंबे समय से शव और गरीबों परिवार की मदद के लिए कुछ सामाजिक कार्य करने की शुरुआत करना चाह रहा था। प्रबंधन के सामने फंडिंग की दिक्कतें सामने आ रही थी। ऐसे में अब जाकर समाजसेवियों की मदद से इसकी शुरुआत की जा रही् है। रीवा के कई समाजसेवियों से चर्चा के बाद वह इस नेक काम के लिए तैयार हो गए हैं।  

डॉ शशिधर गर्ग की प्रेरणा से संभव 
जानकारी के अनुसार फोरेंसिक विभाग के डॉ शशिधर गर्ग लंबे समय से इस नेक कार्य को शुरू कराना चाह रहे थे लेकिन समाजिक कार्यकर्ताओं और मंगठनों का सहयोग नहीं मिल पा रहा कर्मचारियों का मुदद से समय हो पाया। मडिकल कॉलेज के फोटो आर्टिस्ट अजय द्विवेदी ने शहर के कई लोगों से मदद मांगी और कई लोग साथ देने सामने आ गए। इस कार्य में फोटा आर्टिस्ट के साथ सुमित शुक्ला, पौष गुप्ता, अंबर निगम, शिवदत्त पाण्डेय ने सहयोग किया है।  एसजीएमएच प्रबंधन लावारिश के लिए पहुंचने वाले शव के कफन और पॉलिथिन की व्यवस्था समाजसेवियों से जुटाए फंड के माध्यम से किया जाएगा।

यह होती थी परेशानी
कई मर्तबा एसजीएमएच के मत्युरी में पीएम के लिए लावारिश लाश लाइ प्रबंधन हवाए जाती हैं। इनके आगे कोई रहता। पुलिस को ही इसका पड़ता है। ऐसे में बिना कफन और प्लास्टिक बैग के ही दफन करने के लिए भेजना पड़ जाता है। मरने के बाद भी मृतकों को सम्मान नहीं मिल पाता। इसके अलावा गरीबों को भी परिजनों के शव को ले जाने के लिए कफन और प्लास्टिक आदि के लिए, आर्थिक दिक्कतें उठानी पड़ती थी। उनका परेशानिया को अब एसजीएमएच उठाएगा।

आज से होगी शुरुआत
एसजीएमएच में नय नवाचार आज से शुरू होगा। कई समाजसेवी और की तरफ से किया जाएगा। व्यापारियों ने इस सामाजिक कार्य में सहयोग करने का बीड़ा उठाया है। उन्हीं के समयोग से यह बड़ा काम संभव हो पाया है। अब सोमवार से लावारिस शव के कफन शव को रखने के प्लास्टिक और बिसरा के लिए डिल्य की व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन करेगा।