GI tag to Sundarja mango: रीवा के सुंदरजा आम को मिला जीआई टैग, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जताई खुशी
मुरैना की गजक और छत्तीसगढ़ के नागरी दूबराज चावल को भी मिला GI Tag

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में होने वाला सुंदरजा आम वैसे तो अपनी खासियतों के लिए पूरे विश्व में मशहूर है, लेकिन अब इसकी पहचान और ज्यादा खास होने जा रही है। कारण यह है कि रीवा के सुंदरजा आम को अब GI Tag मिल गया है। सुंदरजा आम के अलावा मध्यप्रदेश के ही मुरैना की गजक और छत्तीसगढ़ के धमतरी के नागरी दूबराज चावल को भी GI Tag प्रदान किया गया है। इस आशय की जानकारी तब हुई जब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने स्वयं अपने सोशल मीडिया अकाउंट में सुंदरजा आम, मुरैना की गजक और छत्तीसगढ़ के धमतरी के नागरी दूबराज चावल को GI Tag मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
सुंदरजा आम सहित तीनों उत्पादों को GI Tag मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री Piyush Goyal
इनके स्वाद के चर्चे होंगे अब आम,
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) March 25, 2023
GI tag से बढेगा इनका देश विदेश में नाम I pic.twitter.com/q38SCjsIEL
सुंदरजा आम मध्य प्रदेश के रीवा जिले के गोविंदगढ़ कस्बे में बहुतायत होता है। फलों के राजा आम की यह एक विशेष प्रजाति है। सुंदरजा सिर्फ भारत के लोगों की ही पसंद नहीं है बल्कि विदेशी भी इसके दीवाने हैं। रीवा जिले के गोविंदगढ़ के बगीचों से निकलकर ये आम विदेशी जमीं पर अपनी महक बिखेर रहा है। इस आम की विशेष किस्म की सुगंध और मिठास का कोई तोड़ नहीं है। सुंदरजा की खासियत यह है कि यह बिना रेशे वाला होता है और इसमें पाई जाने वाली शर्करा का प्रकार कुछ ऐसा है कि इसे शुगर के मरीज भी खा सकते हैं।
विंध्य क्षेत्र की शान समझे जाने वाले सुंदरजा आम का उत्पादन पहले रीवा जिले के गोविंदगढ़ किले के बगीचों में होता था, लेकिन कालांतर में गोविंदगढ़ इलाके के साथ ही रीवा शहर से लगे कुठुलिया फल अनुसंधान केंद्र में भी बहुतायत मात्रा में इसकी खेती की जाती है। हालांकि गोविंदगढ़ के बागों में होने वाला सुंदरजा आम हल्का सफेद रंग लिए होता है, जबकि रीवा के कुठुलिया फल अनुसंधान केंद्र में उत्पादित होने वाला सुंदरजा आम हल्का हरा होता है।
विदेशियों की बना पसंद
गोविंदगढ़ किले में होने वाला सुंदरजा आम रियासत काल में राजे-राजवाड़ों की पसंद था, लेकिन आज दिल्ली, मुंबई, छत्तीसगढ़, गुजरात सहित कई राज्यों से लोग इसे एडवांस आर्डर देकर मंगवाते हैं। इतना ही नहीं विदेशों में भी सुंदरजा आम को खूब पसंद किया जाता है, खासतौर से फ्रांस, इंग्लैंड अमेरिका, अरब देशों में सुंदरजा आम के तमाम लोग शौकीन हैं।
जारी हुआ था डाक टिकट
सुंदरजा आम की लोकप्रियता का अंदाजा आप इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 1968 में इस आम के नाम पर डाक टिकट जारी किया गया था।
क्या होता है GI Tag ??
मध्य प्रदेश के रीवा के सुंदरजा आम, मुरैना की गजक और छत्तीसगढ़ के नागरी दूबराज चावल GI Tag मिलने की खबर के साथ ही यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर यह GI Tag होता क्या है? आइए लाइव गुड मॉर्निंग के साथ यह जानते हैं।
दरअसल, किसी भी रीजन का जो क्षेत्रीय उत्पाद होता है उससे उस क्षेत्र की पहचान होती है। उस उत्पाद की ख्याति जब देश-दुनिया में फैलती है तो उसे प्रमाणित करने के लिए एक प्रक्रिया होती है जिसे जीआई टैग यानी जियोग्राफिकल इंडीकेटर (Geographical Indications) कहते हैं। हिंदी में इसे भौगोलिक संकेतक ( GI Tag) नाम से जाना जाता है।
1999 में बना अधिनियम
संसद ने उत्पाद के रजिस्ट्रीकरण और संरक्षण को लेकर दिसंबर 1999 में अधिनियम पारित किया। जिसे अंग्रेजी में Geographical Indications of Goods (Registration and Protection) Act, 1999 कहा गया। इसे 2003 में लागू किया गया। इसके तहत भारत में पाए जाने वाले प्रॉडक्ट के लिए जी आई टैग देने का सिलसिला शुरू हुआ। GI Tag खास तौर पर कृषि उत्पादों को दिया जाता है। इनके अलावा यह अन्य उत्पादों को भी प्रदान किया जाता है।