साठ रूपए में आपको मिलेगी महल जैसे भवन में रहने की व्यवस्था, शिल्पकला मोह लेगी मन

यह धर्मशाला रीवा की शानदार कारीगरी को प्रदर्शित करता है। कम कीमत में अगर आप किसी हेरिटेज भवन में ठहरने जैसा आनंद लेना चाहते हैं, तो रीवा में एक विकल्प है। एक आलीशान इमारत में महज़ 60 रुपए में 24 घंटे के लिए ठहरने की उत्तम व्यवस्था है. इन सबसे बढ़कर इमारत की खूबसूरती, जिसका राजस्थानी आर्किटेक्चर मन मोह लेता है. यहां ठहरकर आप खुद को किसी राजघराने जैसे भवन का आतिथ्य भी अनुभव कर सकेंगे। इस इमारत के परिसर में भोलेनाथ का एक सुंदर मंदिर भी है। शिल्पकला में बेजोड़ इस मंदिर में बने काफी सुंदर डिजाइन यहां आने वालों का ध्यान खींचते हैं।
यह इमारत रीवा शहर के बीचोबीच स्थित पुराने बस स्टैंड के पास स्थित है। देखने में यह इमारत काफी भव्य है और किसी राजस्थानी हवेली या महल की तरह दिखती है। लेकिन नाम है बैजू धर्मशाला। इस बिल्डिंग को वर्ष 1940-41 में बनाया गया था। इस इमारत का निर्माण सेठ बैजनाथ द्वारा कराया गया था.भले ही ट्रस्ट के लोगों के गैरजिम्मेदाराना रवैये और शासन- प्रशासन की अनदेखी के कारण पुरातात्विक महत्त्व का यह आलिशान प्रासाद अपनी पूर्ण गरिमा को नहीं पा रहा है। इसके बाद भी महज 60 रूपए में इतने भव्य भवन में रुकना किसी अचरज से काम नहीं है।
60 रुपये में ये सुविधाएं
30 कमरे का बने इस आलीशान भवन में सभी सुविधाओं से युक्त है। यहां आपके सोने के लिए पलंग, गद्दा और चद्दर सभी कुछ है। ठंड के समय कंबल की भी व्यवस्था की जाती है. हालांकि गर्मी के समय में एसी की व्यवस्था नहीं होती। पंखे की हवा से गुजर बसर करना होता है। इस इमारत को कुछ इस तरह से बनाया गया है कि इसके कमरों में गर्मी ज्यादा नहीं लगती. गर्मी के मौसम में भी कमरों में राहत रहती है।
प्रबंधक से लेनी होगी अनुमति
यहां ठहरने के लिए आपको प्रबंधक से अनुमति व 24 घंटे का चार्ज यानी 60 रुपये जमा करने होते हैं।आपके पास मान्य परिचय पत्र होना चाहिए और बिल्डिंग में रूम खाली होना भी जरूरी है। असल में बैजू धर्मशाला बनाने का उद्देश्य उन गरीब परिवारों की मदद करना रहा, जो होटल में नहीं ठहर सकते। उन सभी परिवारों को देखते हुए यह व्यवस्था लागू करने का प्रण सेठ बैजनाथ ने लिया था, जो अब तक निभाया जा रहा है।