Driving Licence: एक जैसे बनेंगे सभी राज्यों के इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस, ई-केवाईसी कराना अनिवार्य

एमपी ऑनलाइन सेंटर पर किया जा सकेगा दस्तावेजों का सत्यापन

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ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया में आवेदक को ई-केवाईसी कराना अनिवार्य किया गया है। दस्तावेजों का सत्यापन एमपी ऑनलाइन सेंटर पर किया जा सकेगा। परिवहन विभाग ने इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए पासपोर्ट आवेदन की तर्ज पर ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन भी डिजी लॉकर से लिंक करने की प्रक्रिया शुरू की है। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में सभी राज्यों के परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर ड्राइविंग लाइसेंस एवं इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस परमिट में एकरूपता लाने के निर्देश दिए हैं। 


इसी के तहत राज्य में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जा रहा है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में प्रतिदिन नए लाइसेंस बनाने के डेढ़ सौ से अधिक आवेदन आते हैं। इसके अलावा इतनी ही संख्या में प्रतिदिन नए डीएल जारी किए जा रहे हैं। लर्निंग लाइसेंस तीन महीने की अवधि के लिए वैध होते हैं।


केंद्र सरकार की मंशानुसार इंटरनेशनल ड्रायविंग लायसेंस प्रक्रिया में एकरूपता लाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रक्रिया को और आसान बनाने का प्रयास है। - एसके झा, आयुक्त परिवहन

अलग-अलग राज्यों के लाइसेंस विधिक
केंद्र सरकार को मिले कॉलेजो फीडबैक के बाद यह पाया गया था कि अलग-अलग राज्यों के द्वारा विदेशी ड्राइविंग परमिट यानी विदेश मिश्रा में चलने वाले इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस हर राज्य के हिसाब से बनाए जाते हैं। विदेश जाने वाले नागरिकों को कई बार अतिरिक्त पूछताछ का सामना करना पड़ता है। भविष्य में सभी राज्यों के इंटरनेशनल ड्रायविंग लायसेंस में एकरूपता लाने के लिए एक ही एजेंसी से कार्ड प्रिंट कराने का प्रस्ताव बनाया पाया है।