Diamond In Mauganj: जिला बनने से पहले मऊगंज को मिली बड़ी खुशखबरी, 100 हेक्टेयर क्षेत्र में मिला हीरा

शासन को भेजी गई क्षेत्र में डायमंड मिलने के प्रमाण की रिपोर्ट 

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आगामी 15 अगस्त को रीवा जिले से अलग होकर मऊगंज नए जिले के रूप में स्थापित होगा लेकिन इससे पहले ही मऊगंज वासियों को बड़ी खुशखबरी मिल रही है। दरअसल मऊगंज के एक सौ हेक्टेयर में हीरा मिलने का प्रमाण मिला है जिसकी रिपोर्ट अब शासन को भेजी गई है।

बता दें कि यहां के फीचर्स ऐसे हैं जो जमीन के नीचे हीरों के होने की संभावना और बढ़ा रहे हैं। गौरतलब है पूर्व में विंध्य क्षेत्र के सिंगरौली जिले में सोने के साथ रीवा और मऊगंज में हीरे की ख़ुदान के लिये ब्लाक चिन्हांकित किये गए थे। इसके बाद कई मल्टी नेशनल एक्सपर्ट कंपनियों ने यहां डायमंड सर्वे का काम किया।

रीवा के सोहागी में भी भंडार
यह सर्वे रीवा जिले के सोहागी पहाड़ में 400 हेक्टेयर और मऊगंज में 100 हेक्टेयर भूमि में हीरा खनिज मिलने के प्रमाण की रिपोर्ट शान को संपि थे। जिस पर राज्य शासन ने परीक्षण के बाद अनुज्ञप्ति सीएल के लिए सूचना जारी की।


इन गांवों में अधिक संभावना
 बताया गया है कि मऊगंज में हीरों के होने की जानकारी मिलने पर हीरे से संबंधित कंपनियों ने रीवा और मऊगंज का भ्रमण करना भी शुरू कर दिया है। हीरे की खोज के लिये मऊगंज में 100 हेक्टेयर भूमि में सर्वे किया गया था। लेकिन हीरे मिलने के ज्यादा आसर जिन क्षेत्रों में है उसमें मऊगंज के सीतापुर, आप के सरई, गढ़वा, हिनेती, दीपाबरोड़ी, खाड़ी और मलकपुर सहित आसपास के क्षेत्र शामिल है।


किंबरलाइट चट्टानों में मिलता है हीरा
बताया गया है कि किंबरलाइट नाम की ग्रीन कलर ज्वालामुखी चट्टानों में हीरा पाया जाता है। धरती की बहुत अधिक गहराई से ये चट्टाने 100 किलोमीटर गहराई में निर्मित हुए। चमकदार मूल्यवान हीरे को धरती के सतह पर ले जाती है। जिसमें पहाड़ी घाटी और फाल्ट जोन महत्वपूर्ण माना जाता है। सीतापुर पहाड़ी पर ऐसे फीचर देखने को मिल रहे हैं। जिससे यहां इन क्षेत्रों में हीराधारी चट्टान मिलने की उम्मीद ज्यादा हो गई है। माना जा रहा है कि अगर बेहतर तकनीक से हीरे की खोज की गई तो नई जगह मऊगंज में नये उद्योग के स्थापित होने की संभावना बढ़ जाएगी।