19 साल की लड़की ने लड़के के साथ किया जबरन दुष्कर्म, कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा

इंदौर कोर्ट में इस तरह के पहले मामले में सुनाया गया फैसला 
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आपने हमेशा ही पुरुष वर्ग के द्वारा रेप की खबरों को सुना होगा लेकिन मध्यप्रदेश के इंदौर से एक ऐसी खबर आई जिसमें सभी को चौंका दिया। जहां 19 साल की लड़की को नाबालिक लड़के के साथ दुष्कर्म के मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई है। इंदौर कोर्ट में पहली बार किसी ऐसे मामले पर सजा हुई है जब किसी लड़की ने लड़के का यौन शोषण किया। बताया गया कि आरोपी लड़की  बहला-फुसलाकर नाबालिक को गुजरात ले गई जहां उसके साथ शारीरिक शोषण किया गया। 


यह है पूरा मामला 
दरअसल इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब 5 नवंबर 2018 के दिन इंदौर के बाणगंगा पुलिस थाने में एक महिला ने अपने 15 वर्षीय बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई महिला ने बताया कि उसका बेटा खीर के लिए दूध लेने निकला था लेकिन काफी वक्त अब जब वह नहीं लौटा तो उसने आसपास के क्षेत्र और अपने रिश्तेदारों से पूछताछ की लेकिन उसका कोई पता नहीं चला है महिला ने अपने बेटे के बहला-फुसलाकर अगवा किए जाने की आशंका जताई थी जिसके बाद पुलिस लड़के की तलाश में जुट गई।


हालांकि इस मामले में जल्द ही इंदौर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी और उसने लड़के को ढूंढ निकाला लेकिन उसके साथ एक लड़की भी पकड़ी गई पूछताछ में पता चला कि राजस्थान की रहने वाली 19 वर्षीय लड़की नाबालिक को अपने साथ धोखे से गुजरात ले गई थी। जहां उसने लड़के की नौकरी एक टाइल्स बनाने वाली फैक्ट्री में लगवा दी और उसके साथ यौन शोषण किया। पीड़ित लड़की ने पुलिस से यहां तक बताया कि वह अपने परिवार वालों से संपर्क ना कर सके इसलिए लड़की उसका मोबाइल फोन अपने पास रखती थी।


मेडिकल कराने पर सामने आई सच्चाई
यह कहानी सुनकर पुलिस भी चौक गई। जिसके बाद पीड़ित लड़के के बयान के आधार पर आरोपी लड़की को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। इंदौर पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद जब लड़की का मेडिकल टेस्ट कराया तो उस पर लगे सभी आरोपों की पुष्टि हो गई। सभी आरोप सही पाए गए। 


कोर्ट में इस तरह का यह पहला मामला 
इस मामले में इंदौर कोर्ट ने फैसला किया है जिला अभियोजन अफसर ने बताया कि यह पहला मामला है जब किसी लड़की को पोस्को एक्ट के तहत इस तरह की सजा सुनाई गई है 15 मार्च को अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए दोषी लड़की को 10 साल की कठोर कारावास और  3000 रू. जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने पीड़ित को 50000  रू. प्रति कर राशि के रूप में दिलाए जाने की अनुशंसा भी की है।