Say Yes to Life : आत्मघाती कदमों को रोकने Bhopal Police करने जा रही नवाचार

मनोचिकित्सक के साथ मिलकर बनाई रणनीति, जारी करेगी हेल्पलाइन नंबर
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Say Yes to Life : आत्मघाती कदमों को रोकने Bhopal Police करने जा रही नवाचार

Say Yes to Life: MP की राजधानी भोपाल की पुलिस, आत्महत्या के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। बड़े शहरों में हत्या से ज्यादा आत्महत्या से लोगों की जान जा रही है। सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि 15 से 30 साल तक के युवा बड़ी संख्या में मौत को गले लगा रहे हैं। ऐसे में पुलिस जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी।

मध्यप्रदेश के साथ ही देश के कई बड़े शहरों में हत्या से ज्यादा आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं।इनमें सबसे ज्यादा 15 से 30 साल तक के युवाओं की बड़ी संख्या में मौत के मामले सामने आ रहे हैं। इस स्थिति से निपटने भोपाल पुलिस सुसाइड प्रीवेंशन के लिए जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी। जिस पर पीड़ित सहित उसके शुभचिंतक, परिवार वाले और दोस्त भी कॉल करके किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी दे सकते हैं। इसके बाद अवसाद ग्रस्त व्यक्ति की काउंसलिंग के साथ ही पुलिस हर जरूरी मदद भी उपलब्ध कराएगी।

नजरअंदाज करना खतरनाक
भोपाल कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने कहा, युवा मानसिक अवसाद और परेशानियों के कारण आत्मघाती कदम उठाते हैं। Say Yes to Life पुलिस हेल्पलाइन के जरिए युवाओं को मदद पहुंचाई जाएगी और काउंसलिंग की जाएगी। इससे लगभग 80 फीसदी घटनाओं पर रोक लगाई जा सकेगी. जबलपुर और इंदौर में ऐसी पहल हो चुकी है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। हेल्पलाइन के साथ एक विशेष टीम बनाई जाएगी जो डॉक्टरों से जुड़ी होगी। इसमें मनोचिकित्सक भी शामिल होंगे। पीड़ित और जानकारी देने वाले व्यक्ति की पहचान को गोपनीय रखकर मदद की जाएगी। हम छोटी-छोटी बीमारियों के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं, लेकिन मानसिक अवसाद को नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए बहुत जल्दी हेल्पलाइन शुरू की जा रही है।

पहले और बाद में भी रखें ध्यान
मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकान्त त्रिवेदी का कहना है आत्महत्या का प्रयास अपराध की श्रेणी में रखा गया है. ऐसे में हेल्पलाइन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। बात करने से परेशानियों से निजात मिल सकती है। इस पहल से एक अच्छा डाटा भी इकट्ठा होगा, जिससे पता चल सकेगा कि कितने लोगों के मन में आत्महत्या का ख्याल आ रहा है। जिनके मन में अवसाद है उन लोगों को चैनेलाइज भी किया जा सकेगा और हेल्पलाइन के जरिए लोगों को मदद मिलेगी। डॉ. सत्यकान्त त्रिवेदी ने Live Good Morning से कहा, आत्महत्या रोकने के साथ ही उस व्यक्ति को भविष्य में भी संभालने की जरूरत होती है

आत्महत्या के बड़े कारण- कर्ज, पढ़ाई, प्रेम
युवाओं में सुसाइड जैसे आत्मघाती कदम उठाने की टेंडेंसी बीते समय में तेजी से बढ़ी है। इसके पीछे जो सबसे बड़े कारण सामने आए हैं उसमें कर्ज होना, पढ़ाई में नाकामयाबी, प्रेम प्रसंग और एकतरफा प्रेम प्रसंग जैसे मामलों की अधिकता है। ऐसे में यदि पुलिस हेल्पलाइन कामयाब होती है तो बड़ी संख्या में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा। Say Yes to Life पुलिस अवसाद से ग्रसित लोगों को कानूनी मदद के साथ काउंसलिंग और मेडिकल जैसी सुविधा भी उपलब्ध कराएगी।