Loksabha Election: इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए उमड़े उम्मीदवार, 210 लोगों ने लिए नामांकन फार्म

नामांकन के लिए सुबह से लंबी लाइन, प्रशासन के छूटे पसीने

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rajnandgaon

देशभर में जारी लोकसभा चुनाव में अलग अलग खबरें सामने आ रही हैं लेकिन यह खबर उनसे हट कर है। दरअसल जिस संसदीय सीट की हम बात कर रहे हैं उनसें चुनाव लड़ने वालों की बहार आ गई है। नामांकन जमा करने के आखिरी दिन के एक दिन पहले यानी बुधवार, 3 अप्रैल को दो सैकड़ा से अधिक लोग पर्चा खरीदने पहुंचे। प्रशासन के भी पसीने छूट गए। यह पूरा मामला पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव सीट का है। जहां से छग के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कांग्रेस की सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

छग की सबसे चर्चित और हाईप्रोफाइल सीट राजनांदगांव एक बार फिर खबर में आ गई है। इस सीट से थोक में कार्यकर्ता नामांकन दाखिल करने में जुट गए हैं। आलम यह है कि बुधवार को ही 210 लोगों ने नामांकन फार्म लिए। इससे पहले इस सीट के इतिहास में 32 से अधिक प्रत्याशी कभी खास एक चुनाव में नहीं रहे हैं। गुरुवार को नामांकन दाखिले के अंतिम दिन भी नामांकन लेने वालों की कतार देखने को मिल सकती है।

 उल्लेखनीय है कि होली पर्व के बाद पाटन में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते पूर्व सीएम और राजनांदगांव लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल ने कहा था कि यदि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहते हैं तो 384 से अधिक लोगों को नामांकन दाखिल करना होगा। उन्होंने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से भी अपील की थी कि वे अपना नामांकन दाखिल करें। जिससे चुनाव में मतदान बैलेट पेपर से हो सके। हालांकि उन्होंने यह बात पाटन में कही थी, लेकिन इसका असर राजनांदगांव में देखने को मिला है। 28 मार्च से जारी नामांकन दाखिले की प्रक्रिया में बुधवार को अलग ही नजारा देखने को मिला। सुबह 11 बजे से ही बड़ी संख्या में लोग फार्म लेने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
 
 आज है आखिरी दिन 
बता दें कि दूसरे चरण में शामिल राजनांदगांव लोकसभा में नामांकन दाखिले की प्रक्रिया 28 मार्च से शुरू है, जो रहेगी। अब तक यहां से 241 लोगों ने नाम निर्देशन फा प्राप्त कर लिया है। वहीं आठ नामांकन जाम किार जा चुके हैं। नामांकन के बाद अभ्यर्थियों को नाम वापसी के लिए 8 अप्रैल तक का मौका मिलेगा।

अराजकता फैला रहे भूपेश बघेल: बीजेपी प्रत्याशी
भूपेश बघेल का ऐसा कहना उकसाने के साथ ही अराजकता फैलाने का काम है। अपने ही कार्यकताओं को निर्दलीय चुनाव लड़ाना उनका दिवालियापन दर्शाता है। उससे यह साफ होता है कि कांग्रेस में नैतिकता का कितना पान हो जया है। 
-संतोष पांडे, भाजपा प्रत्याशी 

 
पूर्व सीएम ने अपने बयान के दौरान निर्वाचन आयोग के नियम के बारे में कहा था कि यदि किसी लोकसभा क्षेत्र में 384 से अधिक उम्मीदवार हैं, तो चुनाव मतपत्र यानी बैलेट पेपर के माध्यम से होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि एक ईवीएम में अधिकतम ईवीएम नोटा सहित अधिकतम 64 उम्मीदवारों के लिए आवेदन कर सकती है। एक बैलेटिंग यूनिट में 16 उम्मीदवारों के लिए प्रावधान है, यदि उम्मीदवारों की कुल संख्या 16 से अधिक है, तो दूसरी बैलेटिंग यूनिट को पहली बैलेटिंग यूनिट के समानांतर जोड़ा जा सकता है। ये सिलसिला 24 बैलेटिंग यूनिट यानी नोटा सहित 384 उम्मीदवारों तक जा सकता है। जिसके बाद ईवीएम से वोटिंग नहीं हो सकेगा और चुनाव आयोग के द्वारा मतपत्र से चुनाव कराने का निर्णय लिया जा सकता है।