Anuppur News: अमरकंटक में देवउठनी एकादशी पर्व पर नर्मदा तट में किया जाएगा 11 हजार दीपदान

संत मंडल द्वारा रामघाट तट का किया गया अवलोकन, मुख्य यजमान होंगे अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली 

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Anuppur

अनूपपुर। मां नर्मदा  की उद्गम स्थली/पवित्र नगरी में अमरकंटक संत मंडल ने शुक्रवार की शाम कल्याण सेवा आश्रम के पुस्तकालय में देव दीपोत्सव पर्व कार्तिक शुक्ल ग्यारस देवउठनी एकादशी/तुलसी विवाह 12 अक्तूबर 2024 के पावन दिवस पर भव्य देव दीपोत्सव पर्व मनाने हेतु तैयारी संबंधित अंतिम बैठक की गई।


सभी संतो ने अपनी-अपनी पुर्व में बनाई गई रूपरेखा की जानकारी लेते हुए कुछ और बिंदुओं पर खास ध्यान आकर्षित कराते हुऐ अमरकंटक में प्रथम बार संतो द्वारा ग्यारह हजार दीप प्रज्ज्वलित कर दीपोत्सव पर्व मनाने जा रहा है। जिसके मुख्य यजमान के रूप में अनूपपुर जिला कलेक्टर महोदय हर्षल पंचोली होंगे।


 इस दीपोत्सव कार्यक्रम में सर्व प्रथम भजन कीर्तन से शुरुआत बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम स्कूली बच्चों द्वारा फिर यजमान द्वारा दीप प्रज्वलित, काशी के ब्राम्हणों द्वारा महाआरती , संत मंडल अध्यक्ष द्वारा आशीर्वचन, आतिशबाजी बाद प्रसाद वितरण जैसे रूपरेखा तैयार की गई है।

 
अमरकंटक संत मंडल के पदाधिकारियों ने बैठक बाद नर्मदा तट राम घाट के दक्षिण तट पर भ्रमण कर स्थल का निरीक्षण बाद महाआरती और पूजन हेतु स्थल को चिन्हित किया। उत्तर तट पर भी दीप प्रज्वलित और आरतियां होंगी। जहां दोनो तटो पर लाइटिंग, झालर आदि की पूरी व्यवस्था बनाई गई है। दो जगह प्रवेश द्वार भी बनाए जाएंगे। रोड और घाटों पर भव्य लाइटिंग से रोशनी प्रकाशित होगी। प्रशासन से भी इस ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए निवेदन किया गया है की दीपोत्सव पर्व पर किसी तरह कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। 


रामघाट पर चलेगा स्वच्छता अभियान 
अमरकंटक संत मंडल के तत्वाधान में एक दिवसीय देवउठनी एकादशी पूर्व सोमवार को अमरकंटक के सभी संत महात्मा और भक्तजन आज प्रात: 8 बजे से नर्मदा तट रामघाट उत्तर और दक्षिण तटो पर स्वच्छता अभियान चला कर स्वच्छ अमरकंटक, पवित्र अमरकंटक, निर्मल नर्मदा का संदेश जन जन तक पहुंचाना चाहता है।


ये रहे उपस्थित
 कल्याण सेवा आश्रम में हुई बैठक में प्रमुख रूप से अमरकंटक संत मंडल के संरक्षक स्वामी नर्मदानंद महाराज, स्वामी हिमांद्री मुनि  महाराज, स्वामी जगदीशानंद  महाराज, संत मंडल अध्यक्ष श्रीमहंत रामभूषण दास  महाराज, उपाध्यक्ष स्वामी महेश चैतन्य  महाराज, सचिव स्वामी लवलीन महाराज , स्वामी राजेश , स्वामी रामानंद , प्रवीण ब्रम्हचारी , स्वामी अखिलेश्वर दास , फलहारी आश्रम से उपाध्याय , मृत्युंजय आश्रम से योगेश , मारकंडेय आश्रम से शास्त्री रामनरेश , शिव खैरवार, उमाशंकर पांडेय, श्रवण उपाध्याय के साथ अन्य लोग शामिल हुए।