रीवा जिले में जनता उदार, माननीय 'बाहरी' भी सहर्ष स्वीकार

जिले की 8 में से 5 विधायक दूसरे विधानसभा क्षेत्रों के
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MP Election

Rewa News: जब- जब विधानसभा के चुनाव ( MP Elections 2023 ) आते हैं तो क्षेत्रीय नेताओं द्वारा बाहरी व स्थानीय को मुद्दा बनाकर दूसरे विधानसभा क्षेत्रों के दावेदारों को  टिकट नहीं देने की बात की जाती है। इसमें भाजपा व कांग्रेस जैसे प्रमुख दल शामिल हैं। पार्टियों के प्रत्याशी बनाए जाने तक इस बात की चर्चा भी रहती है। इससे इतर न पार्टियां इस तरफ ध्यान देती हैं न ही जनता। जो भी दावेदार मजबूत दिखता है पार्टियां उसे मैदान में उतारती हैं और जनता यह देखे बिना की वह बाहरी है या स्थानीय, उस पर अपना भरोसा जता देती है।

कुल मिलाकर रीवा जिले में भले ही कुछ नेता खुद की टिकट के लिए इसे चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश करते हों लेकिन न तो पार्टियां इस पर ध्यान देती और न ही जनता। जिले की यह कोई मौजूदा रणनीतिक परिस्थितियां नहीं हैं, शुरुआत से ही यहां की तासीर ऐसी रही है।कई बड़े व नामी नेता अपना विधानसभा क्षेत्र छोड़कर दूसरी सीटों से चुनाव जीते व विधायक बने। 

इस साल विधानसभा चुनाव होने के लिए अब चंद माह ही शेष हैं, ऐसे में एक बार फिर बाहरी को मुद्दा बनाने का प्रयास जारी है, लेकिन जनता के मूड व अब तक के परिणामों को देखकर तो यह कतई प्रतीत नहीं होता कि बाहरी व स्थानीय जैसे मुद्दों को लोग कोई तवज्जो  देंगे। आने वाले दिनों में देखना यह है कि पार्टियां इस पर क्या रुख अख्तियार करती हैं।

5 विधायक बाहरी

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MP Elections 2023 : वर्तमान में रीवा में सभी सीटें भाजपा के पास हैं।वहीं जिले के 8 में से 5 विधायक उस विधानसभा क्षेत्र के बाहर के हैं। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम खुद मनगवां के करौंदी गांव के हैं। पहला चुनाव वो यहीं से जीते थे। सीट आरक्षित होने के बाद वे देवतालाब सीट से चुनाव लड़े व लगातार तीन बार से जीत दर्ज कर रहे हैं।  उनके खिलाफ हर चुनाव में बाहरी होना चुनावी मुद्दा बनाया जाता है लेकिन ऐसा करने वालों को सफलता अब तक नही मिली।

मनगंवा विधायक पंचूलाल प्रजापति रीवा के हैं। इसी तरह प्रदीप पटेल मनगंवा के देवास गांव के हैं व मऊगंज से विधायक चुने गए। दिव्यराज सिंह रीवा के हैं  व सिरमौर सीट से विधायक बने। इसी तरह गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह का गृहग्राम भी जरहा है जो मनगंवा विधानसभा क्षेत्र में आता है,इसके बावजूद उन्होंने अपनी राजनीतिक कर्मस्थली के रूप में गुढ़ को चुना व चार बार इस सीट से विधायक बने । कुल मिलाकर वर्तमान समय मे पांच ऐसे विधायक चुनाव जीते हैं जो दूसरे विधानसभा क्षेत्रों के रहवासी हैं। इस तरह से स्पष्ट है कि रीवा में बाहरी व स्थानीय का मुद्दा चुनाव के समय लोगों के लिए कोई अहमियत नहीं रखता।

3 विधायक ही स्थानीय

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MP Elections 2023 : जिले की सभी सीटों में केवल रीवा,त्योंथर व सेमरिया विधानसभा क्षेत्रों के विधायक ही स्थानीय रहवासी हैं। रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ल यहीं से विधायक हैं, हालांकि उनका पैतृक गृहग्राम मऊगंज के ढेरा में है लेकिन वो लम्बे समय से रीवा में रहते हैं, वे रीवा विधानसभा के वोटर भी हैं और जनता उन्हें स्थानीय ही मानती है। त्योंथर विधायक श्यामलाल द्विवेदी भी स्थानीय हैं उनका गृहग्राम कोनिकला है। विधायक केपी त्रिपाठी भी सेमरिया विधानसभा के हर्दी गांव के निवासी हैं और यहीं से चुनाव जीते। इस प्रकार रीवा जिले के 8 में से 3 विधायक स्थानीय हैं।