Innovation: शरीर की गर्मी से चार्ज हो जाएगा आपका स्मार्टफोन, डिवाइस बनकर तैयार

रिमोट एरिया में चार्जिंग की परेशानियों से मिलेगा छुटकारा 

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दिल्ली। अगर आप भी हर जगह मोबाइल के साथ अन्य इलेक्ट्रिक उपकरणों के चार्जिंग के लिए परेशान होते हैं तो यह खबर आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है। आइआइटी मंडी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा उपकरण बनाया है। जो की लोगो को काफी काम आ सकता है। बता दें कि इस उपकरण के माध्यम से अब आप को बिजली की समस्या से निजाआत मिल जाएगी दरअसल हम जिस नए उपकरण की बात कर रहे है। वो एक थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेटर  है। जो की मानव शरीर की गर्मी से बिजली पैदा करेगा।  शोधकर्ताओं का कहना है कि यह डिवाइस रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में दूरगामी प्रभाव डालेगी। संस्थान का शोध जर्मनी की विज्ञान पत्रिका एंजवेन्टे केमी में प्रकाशित हुआ है।

आइआइटी मंडी में स्कूल ऑफ फिजिकल साइंसेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजय सोनी ने बताया कि थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेटर कैसे काम करता है। शोधकर्ताओं ने सिल्वर टेलुराइड नैनोवायर से थर्मोइलेक्ट्रिक मॉड्यूल बनाया। डिवाइस मानव स्पर्श पर आउटपुट वॉल्टेज देना शुरू कर देती है। यह इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को चार्ज करने में सक्षम है। स्मार्टफोन को पॉकेट में व डिवाइस को हाथ में रखने से फोन चार्ज हो जाएगा।  शोध का नेतृत्व  एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजय सोनी ने किया। 


गर्मी को बिजली में बदलने का सिद्धांत
थर्मोइलेक्ट्रिक तंत्रों के जरिए गर्मी को बिजली या बिजली को गर्मी में परिवर्तित किया जा सकता है। गर्मी का बिजली में परिवर्तन का थर्मोइलेक्ट्रिक सिद्धांत 1821 में भौतिक विज्ञानी थॉमस सीबेक ने खोजा था। शोधकर्ताओं ने इसी आधार पर डिवाइस विकसित की। डिवाइस के बाद स्मार्टफोन के साथ चार्जर रखने की जरूरत नहीं होगी। इससे लैपटॉप, इयरबस समेत अन्य उपकरण भी चार्ज हो सकेंगे।

मॉडयूल को बस गर्मी चाहिए
प्रोफेसर सोनी का कहना है कि उनकी टीम। द्वारा विकसित मॉड्यूल मानव शरीर के अलावा विभिन्न उपकरणों से निकलने वाली गर्मी को भी बिजली में बदल सकता है। मसलन कार का बोनट गर्म होने पर उससे ऊर्जा का निर्माण किया जा सकता है। इसी तरह पानी फेंकने वाले पंप की गर्मी से भी ऊर्जा बनाई जा सकती है।