ऐसा मंत्र जिस के जाप से मृत्यु भी टल जाती है, जानिए महामृत्युंजय जाप से जुड़े कुछ खास नियम

भय, कष्ट और रोग नाशक होता है यह मंत्र, सावन में इसका विशेष महत्व
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इस बार का सावन ज्यादा विशेष है. इस बार 19 वर्षों बाद सावन मास और पुरुषोत्तम मास एक साथ आ रहे हैं. अबकी साल 2023 में सावन 59 दिनों का होने जा रहा है.  कहा जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र में बहुत शक्ति होती है. इसके जाप के कई लाभ हैं. ये भय, रोग,कष्ट सबको दूर करता है. साथ ही इसके उच्चारण से भक्तों को लंबी आयु की प्राप्ति होती है और शिव जी की विशेष कृपा बनी रहती है. आइए जानते हैं कि इस मंत्र के जप के क्या लाभ हैं। साथ ही जप के समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.

सावन के महीना हिन्दू धर्म में काफी पवित्र महीना माना जाता है. कहा जाता है कि सावन में महामृत्युंजय मंत्र की शक्ति और भी बढ़ जाती है. धर्म ग्रथों और शास्त्रों की मानें तो महामृत्‍युंजय मंत्र का जप करने से अकाल मृत्यु टल जाती है. और व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है. इस मंत्र का जप व्यक्ति को जाने-अनजाने में किए गए समस्त पापों से मुक्ति दिलाता है. 

महामृत्‍युंजय मंत्र 

ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

अर्थ- इस पूरे संसार के पालनहार, तीन नेत्र वाले भगवान शिव की हम पूजा करते हैं. इस पूरे विश्‍व में सुरभि अर्थात खुशबू फैलाने वाले भगवान शंकर हमें मृत्‍यु के बंधनों से मुक्ति प्रदान करें, जिससे कि मोक्ष की प्राप्ति हो जाए

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मंत्र उच्चारण के समय रखें ये सावधानियां

1. मंत्र का उच्चारण करते समय वर्तनी और शुद्धता का ध्यान रखें.
2. जाप रूद्राक्ष की माला पर ही करें. 
3. जाप के दौरान शिव जी की प्रतिमा, तस्वीर, शिवलिंग या महामृत्यु यंत्र को पास रखें. 
4. महामृत्युंजय हमेशा आसन पर बैठकर करना चाहिए. 
5. जप करते समय आपका मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए. 
6. साथ ही इस मंत्र का जाप एक निर्धारित जगह में ही करें. रोज अपनी जगह न बदलें.