Solar Eclipse: कल पड़ेगा इस साल का पहला सूर्यग्रहण, जानिए क्या-क्या रखनी चाहिए सावधानियां

05 घंटे 10 मिनट की होगी सूर्यग्रहण की अवधि 

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वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों ही दृष्टिकोण से सूर्यग्रहण को काफी महत्वपूर्ण माना गया है। इस साल यानी 2024 का पहला सूर्यग्रहण चैत्र नवरात्र शुरू होने के ठीक एक दिन पहले पड़ने वाला है। हालांकि ज्योतिष की माने तो इसका असर भारत में नहीं पड़ेगा। लेकिन फिर भी साल का पहला ग्रहण होने के कारण इस दिन पर सबकी नजर टिकी हुई हैं। ग्रहण के दौरान कई सावधानियां रखने की बात ज्योतिष मान्यताओं में कही जाती है-

जानकारों की माने तो पहला ग्रहण नवरात्रि के एक दिन पहले सोमवती अमावस्या पर लगेगा। इस दिन अमावस्या और ग्रहण दोनों के दुष्प्रभाव से बचने की जरूरत है। ऐसी मान्याता है कि ग्रहण के दौरान भी नकारात्मकता काफी बढ़ जाती है। इस दौरान लोगों को ज्यादा से ज्यादा मानसिक पूजा-पाठ करना चाहिए। 


ग्रहण के दौरान यह करें 
कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्तियां ज्यादा होती हैं इसलिए इस समय लोगों मंत्रों का जाप करना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा दान करना चाहिए। इसके लिए गुड़, नमक, तांबे के बर्तन का दान करना उत्तम माना गया। वहीं ग्रहण खत्म होने के गंगाजल से स्नान करना चाहिए और पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव करना चाहिए। वहीं पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करने से सूर्य देव की कृपा मिलती है। इतना ही नहीं घर या मंदिर में विराजे देवी-देवताओं की प्रतिमा को भी गंगाजल से स्नान कराना चाहिए। 


 

सूर्य ग्रहण के दौरान रखें यह सावधानियां 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान कई सावधानियां रखने चाहिए विशेषकर गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। घर में छीलने व काटने का कार्य नहीं करना चाहिए। ग्रहण के सूतक काल के पहले भोजन आदि में तुलसी दल डालना चाहिए। माना जाता है कि इससे भोजन पर ग्रहण का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता।  

5 घंटे 10 मिनट की होगी सूर्यग्रहण की अवधि 
बताया जा रहा कि सोमवार को पड़ने वाला ग्रहण अमेरिका में दिखाई देगा। चूंकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसके सूतक काल को भी यहां नहीं माना जाएगा। जानकारी के अनुसार सूर्यग्रहण 8 अप्रैल, 2024 दिन सोमवार रात्रि 9 बजकर 12 मिनट पर ग्रहण लग जाएगा और इसका समापन रात्रि 2 बजकर 22 मिनट पर होगा।  सूर्य ग्रहण की अवधि 05 घंटे 10 मिनट की होगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह पूर्ण सूर्य ग्रहण माना जा रहा है। की माने तो, ग्रहण का असर उस स्थान पर पड़ता है, जहां वो दिखाई देता है। वहीं इस ग्रहण का  किसी भी प्रकार का धार्मिक और आध्यात्मिक असर नहीं पड़ने वाला है।