Train Coach Position : ट्रेन में आगे और पीछे क्यों लगाए जाते हैं जनरल डिब्बे, क्या सरकार की नज़र में कम है ग़रीबों की जान की क़ीमत? जानिए इसकी वज़ह

Train Coach Position : 2 दिन पहले उड़ीसा में हुई रेल दुर्घटना में लगभग 300 लोगों की जान गई और 900 लोग घायल हुए. इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री घटनास्थल पर पहुंचे और रेल मंत्री ने भी जायजा लिया. उड़ीसा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना के बाद ट्विटर और फेसबुक पर एक सवाल तेजी से चल रहा है कि क्या ट्रेन में जनरल डिब्बे इसलिए पीछे लगाए जाते हैं ताकि एक्सीडेंट होने पर केवल गरीब आदमी ही मरे, लेकिन ऐसा नहीं है इसकी कोई और वजह है जो रेलवे द्वारा बताई गई है.कभी न कभी आपने भी ट्रेन से यात्रा की होगी. जाहिर है इतने बड़े नेटवर्क को चलाने के लिए एक सिस्टम की जरूरत होगी, लिहाजा रेलवे में भी सिस्टम से काम होता है. ट्रेनों के संचालन का एक सिस्टम है और उस सिस्टम के जरिए ही लोगों को सुविधाएं दी जा रही हैं. इसी तरह यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए ट्रेन में कोचों को लगाने का भी सिस्टम है. आपने देखा होगा कि हर ट्रेन का स्ट्रक्चर भी लगभग एक जैसा सा होता है, यानी इंजन के बाद में या फिर सबसे लास्ट में जनरल डिब्बे और बीच में एसी या स्लीपर कोच लगे होते हैं.
रेलवे अधिकारी ने दी जानकारी : Train Coach Position
रेलवे के अधिकारी ने बताया कि रेल के डिब्बों इस क्रम में यात्रियों की सुविधाओं के लिए ही लगाया जाता है. उन्होंने तर्क दिया कि जनरल डिब्बों में ज्यादा भीड़ होती है, ऐसे में अगर जनरल डिब्बे बीच में होंगे तो इससे पूरी व्यवस्था गड़बड़ा जाएगी. साथ ही इससे बोर्ड-डीबोर्ड के काम में भी बाधा आएगी. ऐसे में सामान या यात्री दोनों दिशा में में नहीं जा पाएंगे और सारी व्यवस्था खराब हो जायेगी. इसलिए जनरल डिब्बों को यात्रियों की सुविधा के लिए दोनों कोनों पर ही लगाया जाता है.
कारगर है ये मैनेजमेंट
इसके अलावा जनरल डिब्बों में बैठने वाली भीड़ एक डिस्टेंस के साथ दोनों जगह में बंट जाती है. इससे आपात की स्थिति में भी लोगों को बचाने, ट्रेन से बाहर निकालने और स्थिति को कंट्रोल करने में यह सबसे सही मैनेजमेंट है. वैसे देखा जाए तो जनरल डिब्बों के दोनों छोर पर होने की कई वजहें हैं और कई मायनों में यह व्यवस्था कारगर साबित होती है.