1 अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष से पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना पर मिल सकता है ज्यादा ब्याज
दिसंबर 2022 को सरकार ने किया था छोटी बचत स्कीम्स पर ब्याज दरें बढ़ाने का एलान

31 मार्च 2023 को केंद्र सरकार एक बार फिर छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों की समीक्षा करेगी. और माना जा रहा है कि छोटी बवित्त योजनाओं में निवेश करने वाले निवेशकों को सरकार फिर से सौगात दे सकती है. वित्त मंत्रालय वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही अप्रैल से जून तक के लिए बचत योजनाओं के ब्याज दरों की समीक्षा करेगा जिसमें फिर से इन योजनाओं पर दिए जाने वाले ब्याज दरों को बढ़ाने का एलान किया जा सकता है.
बेसिस प्वाइंट ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला
पिछले बार सरकार ने 30 दिसंबर 2022 को छोटी बचत योजनाओं पर 20 से 110 बेसिस प्वाइंट ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला किया था. हालांकि पीपीएफ ( PPF) सुकन्या समृद्धि योजना ( Sukanya Samridhi Yojana) पर दिए जाने वाले ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. लेकिन उसके बाद आरबीआई 8 फरवरी 2023 को मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के बाद 25 बेसिस प्वाइंट रेट बढ़ा दिया था. अब रेपो रेट 6.50 फीसदी हो चुका है. आरबीआई की अगली मॉनिटरी पॉलिसी बैठक 3 से 6 अप्रैल तक है. जनवरी महीने के लिए खुदरा महंगाई दर के 6.52 फीसदी के लेवल पर जाने के बाद अप्रैल में फिर से रेपो रेट आरबीआई बढ़ा सकता है. जिसके चलते छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
बढ़ाई जा सकती है सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दरें
30 दिसंबर को सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही जनवरी से मार्च तक के लिए किसान विकास पत्र , पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाओं एनएससी ( NSC) और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम ( Senior Citizen Saving Schemes) पर बढ़ाया था. लेकिन इस बार पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दरें भी बढ़ाई जा सकती है. फिलहाल पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) पर 7.1 फीसदी, सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samridhi Yojna) पर 7.6 फीसदी ब्याज मिलता है.
छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ने का आधार इसलिए है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बजट में महिला सम्मान डिपॉजिट स्कीम लॉन्च किया है जिसमें दो सालों तक के डिपॉजिट पर सलाना 7.50 फीसदी ब्याज मिल रहा है. छोटी बचत योजनाओं पर दिया जाने वाला ब्याज इससे कम है. इसलिए ब्याज दरें बढ़ने की उम्मीद है.