पिता के बाद अब बेटे ने संभाली मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी, बैठने से पहले तिरंगे को किया नमन

गुड मॉर्निंग डिजिटल।
दिल्ली। देश के 50 वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्होंने सीजेआई यूयू ललित की जगह ली है, जो आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इससे पहले छह नवंबर को सीजेआई यूयू ललित को औपचारिक सेरेमोनियल बेंच गठित कर विदाई दी गई थी।
बोले- देश की सेवा करना मेरी प्राथमिकता
सीजेआई की कुर्सी पर बैठने से पहले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ तिरंगे को नमन किया। शपथ ग्रहण के बाद सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, देश की सेवा करना मेरी प्राथमिकता है। हम भारत के सभी नागरिकों के हितों की रक्षा करेंगे। चाहे वह तकनीक हो, रजिस्ट्री सुधार हो या न्यायिक सुधारों के मामले में हों। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक होगा।
बता दें कि 8 अक्टूबर को पूर्व सीजेआई यूयू ललित ने कानून मंत्री किरन रिजिजू को उनके नाम की सिफारिश की थी। यूयू ललित ने स्ष्ट के जजों की उपस्थिति में पर्सनली जस्टिस चंद्रचूड़ को अपने पत्र की एक कॉपी सौंपी थी।
जिस्टिस चंद्रचूड़ के पिता का सबसे लंबा रहा कार्यकाल
जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें सीजेआई थे। जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ का कार्यकाल 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक, यानी करीब 7 साल रहा। यह किसी सीजेआई का अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है। उनके रिटायरमेंट के 37 साल बाद उनके बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ उसी पद पर नियुक्त होंगे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पिता के 2 बड़े फैसलों को सुको में पलट भी चुके हैं। वे बेबाक फैसलों के लिए चर्चित हैं।
पीएम मोदी ने दी बधाई
भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी। उन्होंने लिखा, देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करने पर बधाई। मैं एक उनके बेहतर कार्यकाल की कामना करता हूं। इसके अलावा विपक्ष के नेताओं के साथ-साथ कई प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने भी बधाई दी है।