OMG! गर्भ में नहीं अब लैब में तैयार होगा बच्चा, इंसानी स्पर्म और एग की भी जरूरत नहीं

आईवीएफ जैसी नई तकनीकी, रिप्रोडक्शन में विकास का क्रांतिकारी दौर की शुरूआत 

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IVF

विज्ञान हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है इसी बीच एक ऐसी खबर सामने आई है जो एकबारगी सुनकर महज एक सपना लगती है दरअसल प्रजनन तकनीक में एक क्रांतिकारी दौर की शुरुआत होने वाली है। अब तक शिशु विकसित होने के लिए स्पर्म और एक की जरूरत होती थी, जो अब खत्म हो सकती है एक ऐसी तकनीक आई है जिससे लैब में ही बिना स्पर्म और एग के शिशु विकसित हो सकता है। 

वैज्ञानिकों की मानें तो अब शिशु नॉन ट्रेडिशनल तरीके से लैब के अंदर तैयार किए जाएंगे। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तकनीक से मानव शिशु बिना स्पर्म या ओवम के लैब में तैयार किए जा सकेंगे। इससे इनफर्टिलिटी से जूझ रहे कई कपल्स को मदद मिलेगी। यह तकनीक ट्रांसजेंडर कपल्स के भी काम आएगी। इसका नाम आईपीजी या इन विट्रो गेमेटोजेनेसिस है। कैलिफोर्निया के स्टार्टअप, कसेप्शन और कई अन्य लैबोरेट्री इस प्रोजेक्ट में शामिल हैं।


बनाया जाएगा इंसानी एग
इस तकनीक में इंसानी एग बनाया जाएगा। इससे भ्रूण को बनाने के लिए मानव स्पर्म और ओवन की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह तरीका चूहाँ पर कारगर साबित हुआ है। इस पर शोध कर रहे वैज्ञानिक किसी भी एडल्ट सेल से स्पर्म या एग बनाने में भी सफल हुए हैं।

यह होगा फायदा
आईवीएफ और फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के बावजूद माता- पिता बनने से वंचित कपल्स और ट्रांसजेंडर कपल्स के लिए यह तकनीक काफी मददगार साबित होगी। हालांकि अभी इस तकनीक का इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है।

ज्यादा उम्र की महिलाओं को उम्मीद बढ़ी
35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं जो प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं या किसी अन्य समस्या के कारण कंसीव करने में दिक्कत आ रही है. उनके लिए इस तकनीक से उम्मीद बढ़ी है। वे नई तकनीक के बारे में सोच सकती हैं।