स्वामी प्रसाद मौर्य के सहारे जातीय जनगणना के मुद्दे को चिंगारी देने की तैयारी में है समाजवादी पार्टी

सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने 22 जनवरी को रामचरित मानस की चौपाई पर आपत्ति जताते हुए पहले पाबंद करने और फिर कुछ चौपाई को वर्ग और वर्ण विरोधी बताते हुए उसे हटाने की मांग की। इस मामले को लेकर सियासी हलचल मच गई। सपा के कुछ विधायक पक्ष में तो कुछ विरोध में आ
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स्वामी प्रसाद मौर्य के सहारे जातीय जनगणना के मुद्दे को चिंगारी देने की तैयारी में है समाजवादी पार्टी

सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने 22 जनवरी को रामचरित मानस की चौपाई पर आपत्ति जताते हुए पहले पाबंद करने और फिर कुछ चौपाई को वर्ग और वर्ण विरोधी बताते हुए उसे हटाने की मांग की। इस मामले को लेकर सियासी हलचल मच गई। सपा के कुछ विधायक पक्ष में तो कुछ विरोध में आ गए। कहा तो यहां तक गया कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर नाराजगी जताई है, लेकिन शनिवार को इस रहस्य से पर्दा उठ गया। स्वामी प्रसाद मौर्य प्रदेश कार्यालय पहुंचे। करीब 30 मिनट तक पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ गुफ्तगू की। बाहर निकले और मीडिया के सवालों का जवाब दिया। कहा कि अखिलेश से जातीय जनगणना के मुद्दे पर बातचीत हुई है।

अखिलेश यादव ने कहा है कि जातीय जनगणना को लेकर अभियान चलाया जाएगा। पहले केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा। फिर इस मुद्दे पर आंदोलन शुरू होगा। पार्टी की मांग है कि हर हाल में जातीय जनगणना होनी चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हिंदू धर्म के संबंध में दिए गए बयान केसवाल पर स्वामी प्रसाद ने कहा कि इसका जवाब नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव विधानसभा में देंगे। उन्होंने दोहराया कि सपा दलितों, पिछड़ों के संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई निरंतर लड़ेगी।

जातीय जनगणना की मांग करत रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के करीब दो घंटे बाद अखिलेश यादव ने भी जातीय जनगणना की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि सपा ने जातीय जनगणना को अपने चुनावी घोषणा पत्र में रखा था और एलान किया था कि सत्ता में आने पर पहला काम यही शुरू होगा। अब भाजपा से मांग है कि वह जातीय जनगणना कराए। मालूम हो कि इससे पहले भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जातीय जनगणना की मांग करते  रहे हैं। इन दिनों पार्टी की ओर से जातीय जनगणना के मुद्दे पर अभियान चलाने की घोषणा करना इसलिए भी अहम है क्योंकि बिहार में इस मुद्दे पर सियासत गरमाई हुई है।

अपने बयान पर काबिज स्वामी प्रसाद मौर्य

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि रामचरित मानस के बारे में जो बातें कहीं हैं, उस पर कायम हैं। माफी नहीं मानेंगे। रामचरित मानस में जो कहा गया है। वह देश के दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों का अपमान है। रामचरित मानस से उस दोहे को हटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र चौधरी माफी मांगने को कह रहे हैं लेकिन वो हमारी पार्टी के नेता नहीं हैं। समाजवादी पार्टी के जो नेता माफी मांगने को कह रहे हैं वह जाति विशेष के लोग हैं। मैं आज भी अपने  सच के साथ खड़ा हूं।