कंधे पर गैती रखकर हेलीकॉप्टर से उतरे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, झाबुआ को दी करोड़ों की सौगात

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा हलमा परमार्थ की अद्भुत परंपरा है, महामहिम राज्यपाल भी मुख्यमंत्री का साथ देते नजर आए 
 
 | 
Shivraj

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का रविवार को एक दिलचस्प अंदाज देखने को मिला, जब वह कंधे पर गैती लेकर हेलीकॉप्टर से नीचे उतरे। सीएम शिवराज सिंह झाबुआ जिले के हाथीपावा पहाड़ी पर चल रहे हलमा के आयोजन में पहुंचे थे। जहां उन्होंने श्रमदान किया। कांग्रेस ने इस पर तंज कसते हुए उन्हें कैमराजीवी कहा है।

सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि 'हलमा' समन्वय, साझेदारी और परमार्थ की अद्भुत परंपरा है। भील समाज की यह महान परंपरा सामूहिकता से विश्व कल्याण का रास्ता दिखा रही है और अक्षय विकास का मॉडल हमें बता रही है। इस परंपरा के तहत जल, जंगल और जमीन के संरक्षण, संवर्द्धन हेतु श्रमदान किया। सीएम ने कहा कि हलमा परमार्थ की अद्भुत परम्परा है। पूरा गांव मिलकर खेती में सहायता कर रहा है, एक आव्हान पर कुआं खोद रहा है। यही तो भारत की वसुधैव कुटुंबकम् की अवधारणा है।

'हलमा' हमारे जनजाति समाज की विशेष परंपरा है। यह जल संरक्षण और प्रकृति सेवा का सामूहिक संकल्प है। इसमें परमार्थ का पुण्य भाव निहित है। मैंने भी हलमा के अवसर पर झाबुआ के हाथीपावा क्षेत्र की पहाड़ी पर जनजातीय भाई-बहनों के साथ श्रमदान कर जल संरक्षण व पौधरोपण के लिए आह्वान किया।

272 करोड़ के विकास कार्यों की दी सौगात

'हलमा उत्सव' और 'विकास यात्रा' के समापन समारोह में शामिल हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 272 करोड़ रुपए लागत के विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास किए। इस दौरान झाबुआ सांसद गुमान सिंह डामोर समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। सीएम ने कहा कि यह कार्य झाबुआ के विकास और यहां के जनजातीय भाई-बहनों की प्रगति को नई गति देंगे।

Shivraj

राज्यपाल ने भी उठाई थी गैती

इससे पहले शनिवार को राज्यपाल मंगूभाई पटेल भी हलमा उत्सव में शामिल हुए। उन्होंने भी कंधे पर गेती उठाई और आदिवासियों के साथ पैदल चले। राज्यपाल ने भी श्रमदान किया। राज्यपाल ने कहा, मैं आपके साथ गैती उठाने आया हूं। आप जो परमार्थ का काम कर रहे हैं, वो अनुकरणीय है।