Election 2023: MP में लगी घोषणाओं की झड़ी, कांग्रेस-बीजेपी कर रही एक से बढ़कर एक घोषणाएं, देखिए!

चुनावी साल में लोगों को लुभाने राजनैतिक दलों का दांव

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kamalnath

पीसीसी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घोषणावीर कहते आ रहे थे। आरोप लगाते थे कि शिवराज थैले में नारियल लेकर चलते हैं। चाहे जहां फोड़कर भूमिपूजन, शिलान्यास कर देते हैं। यह भी कहते थे कि मैं घोषणाओं पर नहीं, काम पर विश्वास करता हूं। पर अब कमलनाथ भी उसी रास्ते पर हैं। वादों, घोषणाओं के मसले पर दोनों के बीच ‘तू डाल-डाल, मैं पात-पात’ की तर्ज पर प्रतिस्पर्द्धा चल रही है। 


मुख्यमंत्री चौहान ने लाडली बहना योजना शुरू की तो कमलनाथ ने नारी सम्मान योजना। मुख्यमंत्री ने युवाओं, समाजों के कार्यक्रमों में जाकर घोषणाएं शुरू की तो कमलनाथ भी वही करने लगे। कमलनाथ की घोषणाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। नारी सम्मान के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपए, घरेलू गैस सिलेंडर 500 रुपए, कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम के बाद अब 100 यूनिट बिजली माफ, 200 यूनिट बिजली हाफ का नारा। साफ है कि कमलनाथ किसी भी मसले पर मुख्यमंत्री चौहान से पीछे नहीं रहना चाहते।

 फर्क यह है कि सरकार होने के नाते मुख्यमंत्री घोषणाओं को लागू कर रहे हैं और कमलनाथ सरकार बनने पर इन्हें लागू करने का वचन दे रहे हैं। प्रदेश की जनता शिवराज की घोषणाओं पर भरोसा करती है या कमलनाथ के वचनों पर, यह विधानसभा चुनाव के नतीजे तय करेंगे।