राहुल गांधी की तरह अखिलेश यादव के साथ भी जुड़ा है हार का रिकॉर्ड, देखें लिस्ट

अखिलेश यादव के सियासी करियर को देखा जाए तो उनके नेतृत्व में सपा को लगातार हार का ही सामना करना पड़ रहा है। एमएलसी चुनाव में मिली हार के बाद सपा के सामने चुनौतियां और बढ़ गईं हैं। चुनाव में सपा सत्ताधारी पार्टी को कड़ी चुनौती देने का दावा करती है, लेकिन बीते लगभग एक
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राहुल गांधी की तरह अखिलेश यादव के साथ भी जुड़ा है हार का रिकॉर्ड, देखें लिस्ट

अखिलेश यादव के सियासी करियर को देखा जाए तो उनके नेतृत्व में सपा को लगातार हार का ही सामना करना पड़ रहा है। एमएलसी चुनाव में मिली हार के बाद सपा के सामने चुनौतियां और बढ़ गईं हैं। चुनाव में सपा सत्ताधारी पार्टी को कड़ी चुनौती देने का दावा करती है, लेकिन बीते लगभग एक दशक में सपा कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई है। सपा के मुखिया और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) हर तरह का प्रयोग कर चुके हैं। लेकिन अब तक आए परिणामों में उसका कोई भी खास असर देखने को नहीं मिला है।

 

एमएलसी चुनाव में मिली करारी शिकस्त : Akhilesh Yadav

हाल ही में हुए एमएलसी चुनाव में भी पार्टी को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। पांचों सीटों पर सपा की हार हुई। कुछ सीटों पर तो हालत इतनी खराब थी कि पार्टी की जमानत जब्त हो गई। साल 2012 में अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि तब पार्टी की कमान उनके पिता मुलायम सिंह यादव के हाथ में थी। लेकिन जब से अखिलेश यादव ने पार्टी कमान संभाली है तब से लगातार सपा को हार का ही सामना करना पड़ रहा है। इस बीच अखिलेश ने कभी कांग्रेस से हाथ मिलाया तो कभी मायावती से गठजोड़ किया। लेकिन हर बार पार्टी चुनाव हारती रही है।

अखिलेश को लगातर मिली हार

अखिलेश यादव ने साल 2017 में समाजवादी पार्टी की कमान संभाली थी। इस दौरान चाचा शिवपाल यादव से उनके विवाद की खूब चर्चा हुई। सपा ने कांग्रेस से गठबंधन किया। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा सिर्फ 47 सीटों पर ही सिमट कर रह गई।

लोकसभा चुनाव 2019 में अखिलेश यादव ने मायावती के साथ गठबंधन किया, लेकिन सपा को सिर्फ पांच सीटें मिलीं।

विधानसभा 2022 में अखिलेश यादव ने यूपी की छोटी-छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन किया, इस बार भी सपा को हार का सामना करना पड़ा, हालांकि सपा की सीटों में बढ़ोतरी जरूर हुई और 2022 विधानसभा चुनाव में सपा को 111 सीटें मिलीं।

राहुल गांधी की तरह अखिलेश यादव के साथ भी जुड़ा है हार का रिकॉर्ड, देखें लिस्ट

विधानसभा चुनाव के कुछ महीनों बाद ही रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव हुए। ये दोनों सपा के गढ़ माने जाते रहे हैं, लेकिन इन उपचुनाव में सपा के हाथ से दोनों सीटें निकल गईं।

इसके बाद मैनपुरी लोकसभा और खतौली व रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए। इनमें मैनपुरी और खतौली में सपा को जीत जरूर मिली, लेकिन रामपुर विधानसभा सीट जिसपर बरसों से पार्टी का कब्जा था वो अखिलेश के हाथों से निकल गई।

पिछले एक दशक से समाजवादी पार्टी निगम चुनाव और पंचायत चुनाव में भी लगातार हारती आ रही है। अब अखिलेश यादव के खाते में एक और हार दर्ज हो गई है।