कमलनाथ सरकार गिराने वाले 28 विधायकों की सीटों पर फोकस कर रही है कांग्रेस

पार्टी के कद्दावर नेताओं को सौंपी गई अलग-अलग सीटों की जिम्मेदारी
 
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इसी साल आखरी में एमपी में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गई है। अधिक से अधिक सीटों को अपने पक्ष में लाने का प्रयास जारी है।


 कांग्रेस की रणनीति की बात करें तो पार्टी उन 28 सीटों पर विशेष ध्यान दे रही है, जहां के कांग्रेस विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में चले गए थे। बाद में बहुत चुनाव हुए और कांग्रेस को ज्यादातर सीटों में हार का सामना करना पड़ा पार्टी का संगठन सीटों पर कमजोर है लिहाजा पार्टी अपनी स्थिति को मजबूत बनाने के लिए जुटी हुई है।


पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इन 28 सीटों मैं जीत का जिम्मा कद्दावर नेताओं को दिया है। बताया जा रहा है कि इन सीटों के जिला और जनपद पंचायतों में जीते हुए भाजपा से जुड़े लोग कांग्रेस में आकर टिकट की मांग कर रहे हैं फिलहाल कमलनाथ ने उन सभी को दो टूक संदेश दिया है कि वह अपने प्रभारियों से फीडबैक लेकर ही इस पर निर्णय लेंगे।


मिली जानकारी के अनुसार ग्वालियर चंबल में कोलारस, पोहरी, भांडेर मेंहगांव, बमोरी, अशोक नगर विधानसभा सीटों पर कई भाजपा से जुड़े जिला पंचायत और जनपद सदस्य कांग्रेस में आना चाहते हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी यह है कि नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह विधायक जयवर्धन सिंह के पी सिंह फूल सिंह बरैया आदि के फीडबैक के बाद ही किया जाएगा।


सागर के सुर्खी में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव से भाजपा से आने वालों के संबंध में फीडबैक लिया जा रहा है बता दें कि सुरखी परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का विधानसभा क्षेत्र है। जो ज्योतिराज सिंधिया के करीबी माने जाते हैं। इसके साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को छतरपुर के मलहरा सीट की जिम्मेदारी भी मिली है जबकि रायसेन के चारों सीटों का जिम्मा विधायक जीतू पटवारी के पास है।

विंध्य के अनूपपुर विधानसभा सीट की जिम्मेदारी नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह को सौंपी गई है खंडवा जिले के मांधाता बुरहानपुर जिले के नेपानगर, बदनावर सीट पर विधायक बाला बच्चन को फीडबैक लेने को कहा गया है।

वही सज्जन सिंह वर्मा और लाखन सिंह यादव को हाटपिपलिया की जिम्मेदारी मिली है मंदसौर जिले की सुवासरा सीट की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल को दी गई है उन्हें नीमच जिले का भी जिम्मा मिला है। बता दें कि मंदसौर और नीमच में कांग्रेस का एक विधायक नहीं है।


ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी और वर्तमान में प्रदेश सरकार के मंत्री तुलसी सिलावट के सांवेर सीट की जिम्मेदारी जयवर्धन सिंह को दी गई है जयवर्धन सिंह के पास इंदौर और उज्जैन जिले की जिम्मेदारी है।