विंध्य के कई सांसदों सहित 6 को विधानसभा का चुनाव लड़ाएगी BJP!, जानिए क्या हैं इसके पीछे का गणित?

कई सांसद खुद विधानसभा चुनाव लड़ना चाह रहे, सर्वे के बाद होगा फैसला 

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2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा अपने आधा दर्जन सांसदों को उतारने का मन बना रही है। जिनमें से दो सांसद विंध्य क्षेत्र के हैं। माना जा रहा है कि सांसदों को उतारने से जातीय और क्षेत्रीय संतुलन से जुड़े फायदे हो सकते हैं।  इस दांव से जातिगत क्षेत्रीय संतुलन सधने की संभावना विधानसभा के रण में 6 से ज्यादा सांसद उतार सकती है भाजपा ब्राह्मण, खटीक, कुर्मी, यादवों को साधने बड़े चेहरे पर दांव, ताकि जातियां न खिसकें


सतना सांसद गणेश सिंह, राव उदयप्रताप, अनिल फिरोजिया, रमाकांत भार्गव, रोडमल नागर, सीधी सांसद रीति पाठक, गुना केपी यादव, दुर्गादास उसके गजेंद्रसिंह पटेल और जीएस डामोर के नाम चर्चा में है। सभी एक से तीन बार तक के सांसद हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो कुछ सांसदों ने तो विधानसभा का चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। केंद्र से मिलने पर अभी जीत हार संभावनाएं टटोले जा रही है। 

 सतना सांसद गणेश सिंह
रीवा के साथ सीधी के कुछ हिस्सों में कुर्मी वर्गं का खासा प्रभाव है। ऐसे में पार्टी विंध्य में कुर्मियों को अपने पक्ष में करने का प्रयास करने के लिए सतना सांसद गणेश सिंह को विधानसभा का चुनाव लड़ा सकती है। क्योंकि भाजपा के इस वर्ग का विंध्य में कोई बड़ा नेता नहीं हैं। जबकि कांग्रेस के पास पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल और राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल दोनों कुर्मी है।  

सीधी सांसद रीति पाठक 
सीधी से दो बार की सांसद रीति पाठक को भी चुनाव लड़ाया जा सकता है। माना जा रहा कि ब्राह्मण वर्ग को अपने ओर आकर्षित करने के लिए पार्टी यह कदम उठा सकती है। हालांकि क्षेत्र में भाजपा के पास गिरीश गौतम, राजेंद्र शुक्ल, केदारनाथ शुक्ल, शरदेंदु तिवारी जैसे बड़े नाम है। 

रीवा सांसद जनार्दन मिश्र
चर्चा तो यह भी है कि रीवा सांसद जनार्दन मिश्र पर भी पार्टी दांव लगा सकती है। हालांकि अभी सभी नामों पर सर्वे चल रहे हैं। जिसके बाद की हार जीत की संभावनों के बाद यह निर्णय लिया जाएगा। लेकिन एक बात तो साफ है बीजेपी इस दफे काफी फेरबदल करने वाली है।
 
गुना सांसद केपी यादव
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद यह संभावना बन रही है कि सिंधिया की परंपरागत संसदीय सीट गुना उनके लिए रखी जाएगी। इसी तरह एक और भी है कि पूर्व सीनियर भाजपा नेता राम देशराज के बेटे यादवेंद्र ने हाल ही में का दामन थाम लिया है। ऐसे में वर्ग में संतुलन बनाना चुनौती है। ऐसे में केपी यादव विकल्प हो सकते हैं।