​​​​​​एड्स की दवा मिलने का दावा, सिर्फ दो इंजेक्शन युवतियों को संक्रमण से देगा पूरी सुरक्षा 

दक्षिण अफ्रीका और युगांडा में व्यापक स्तर पर किए गए क्लिनिकल परीक्षण 

 

लाइलाज बीमारी मानी जाने वाले एड्स का इलाज मिलने का दावा किया गया है। दरअसल दक्षिण अफ्रीका और युगांडा में व्यापक स्तर पर किए गए एक क्लिनिकल परीक्षण से पता चला है कि नई रोग निरोधक दवा का साल में दो बार इंजेक्शन युवतियों को एचआईवी संक्रमण से पूरी सुरक्षा देता है।

 


अध्ययन के दक्षिण अफ्रीकी भाग के प्रमुख अन्वेषक, चिकित्सक-वैज्ञानिक लिंडा-गेल बेकर ने बताया कि परीक्षण 5,000 प्रतिभागियों के साथ किया गया। परीक्षण युगांडा में तीन स्थलों और दक्षिण अफ्रीका में 25 स्थलों पर किया गया। परीक्षण के यादृच्छिक चरण के दौरान लेनकापाविर इंजेक्शन लगवाने वाली 2134 महिलाओं में से कोई भी एचआईवी संक्रमित नहीं हुई। इंजेक्शन की 100 प्रतिशत दक्षता साबित हुई।


पिछले वर्ष आए थे 13 लाख मामले
पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका में युवतियां एचआईवी संक्रमणों से सबसे ज्यादा पीड़ित होती हैं। कई सामाजिक और संरचनात्मक कारणों से, उन्हें दैनिक प्री- एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस व्यवस्था को बनाए रखना भी चुनौतीपूर्ण लगता है। पिछले वर्ष वैश्विक स्तर पर 13 लाख नए एचआईवी संक्रमण के मामले आए थे। हालांकि, यह 2010 में देखे गए 20 लाख संक्रमण के मामलों से कम है। यह स्पष्ट है कि इस दर से हम एचआईवी के नए मामलों में कमी लाने के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएंगे जो यूएनएड्स ने 2025 के लिए निर्धारित किया है (वैश्विक स्तर पर 5,00,000 से कम) या संभावित रूप से 2030 तक एड्स को समाप्त करने का लक्ष्य भी पूरा नहीं कर पाएंगे। 


साल में दो बार इंजेक्शन एचआईवी से सुरक्षा
एचआईवी की स्वत: जांच, कंडोम तक पहुंच, जांच, उपचार और बच्चे पैदा करने योग्य महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक दवा साथ-साथ पीईईपी प्रदान की जानी चाहिए। लेकिन इन विकल्पों के बावजूद हम उस बिंदु तक नहीं पहुंचे है जहाँ हम संक्रमणा को रोकने में सक्षम हो सकें। युवाओं के लिए, रोजाना एक गोली लेने या कंडोम का उपयोग करने या संभोग के समय गोली लेने का निर्णय चुनौतीपूर्ण है। एचआईवी वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि युवाओं को यह पता चलेगा कि साल में केवल दो बार यह दवा लेने से मुश्किलें कम से सकती है। किसी युवती के लिए साल में सिर्फ दो बार इंजेक्शन लगवाना उसे एचआईवी से दूर रख सकता है।