Share Market: शेयर बाजार में 4 साल की तेजी ने बढ़ा दिया एसआईपी, निवेश के प्रति लोगों का बढ़ रहा आकर्षण 

एमएफ के असेट में इक्विटी की हिस्सेदारी अप्रैल 2023 में 60 प्रतिशत तक पहुंची

 

इन दिनों शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जोरों पर है। कभी निवेशकों के करोड़ों रुपये डूब जाते हैं तो अगले ही दिन निवेशक करोड़ों रुपये कमा भी लेते हैं। पिछले चार साल में बाजार की चाल देखें तो बाजार की तेजी ने निवेशकों में एसआईपी कल्चर को बढ़ा दिया है। अब लोग म्यूचुअल फंड में जमकर निवेश कर रहे हैं। इसके लिए वे एसआईपी का सहारा ले रहे हैं। इसके कारण स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेशकों की संख्या बढ़ी है। कोविड के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के चलते लाखों आम लोग दफ्तर जाने से बच गए। इस दौरान वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ा। इसके साथ ही इसी दौरान सीधे स्टॉक मार्केट म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोगों की संख्या में बड़ी तेजी से इजाफा हुआ। ऐसे में भारत में हाउसहोल्ड सेविंग का इस्तेमाल कैसे किया जाता है, इसमें एक बड़ा बदलाव देखने को मिला।

शेयरों में निवेश बढ़िया विकल्प
आम लोग महंगाई से मुकाबला करने के लिए शेयरों में निवेश को सबसे अच्छा विकल्प मानने लगे। फ्रैंकलिन टेम्पलटन के आंकड़ों के मुताबिक, म्यूचुअल फंड के कुल असेट में से इक्विटी की हिस्सेदारी अप्रैल 2023 में 60त्न तक पहुंच गई। यह दिसंबर 2020 में 39.2 प्रतिशत थी। इसी अवधि में ज्यूचुअल फड़ों की कुल एयूएम 31.02 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 5726 लाख रुपये करोड़ हो गई।

बाजार के जानकारों का मानना है कि शेयर बाजार में निवेश करने वालों में अब आम लोगों की हिस्सेदारी बढ़कर 60त्न से अधिक हो गई है। लोग म्यूचुअल फंड के जरिए इक्विटी में निवेश कर रहे हैं और इसी वजह से शेयर बाजार में निवेश बढ़ रहा है। फाइनेंसियल प्लानर्स का कहना है कि हाल के दिनों में एसआईपी (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) का चलन बढ़ा है। इसका भी इक्विटी में निवेश बढ़ने में बड़ा योगदान है। एसआईपी के जरिए लोग धीरे-धीरे और लगातार शेयरों में निवेश करते हैं, जिससे वे अपने लॉन्ग टर्म गोल को पूरा कर सकें।


 

इक्विटी में बढ़ रहा भरोसा
माना जा रहा है कि एसआईपी का चलन लोगों में बहुत ज्यादा पसंद किया जा रहा है। कई लोग एसआईपी के जरिए अपने इक्विटी में निवेश को बढ़ावा दे रहे हैं। धीरे-धीरे निवेश के माध्यम से वे अपने लॉन्ग टर्म के टारगेट को पूरा कर रहे हैं और अच्छा मुनाफा भी हासिल कर रहे हैं। 2019-20 में एसआईपी के जरिए निवेश 1 लाख करोड़ रुपये था। यह 2023-24 में बढ़कर 1.99 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह इक्विटी में लोगों के भरोसे को बताता है। जानकारों का मानना है कि कुछ लोग अपनी फिजिकल वेल्थ को बेच रहे हैं और उस पैसे का कुछ हिस्सा इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश कर रहे हैं। फाइनेंसियल प्लानर्स का कहना है कि डेट म्यूचुअल फंडों से इंडेक्सेशन बेनिफिट हटाने के बाद इसमें निवेश करने का टैक्स लाभ खत्म हो गया है। इस वजह से डेट फंडों में पैसा कम आ रहा है। इसलिए लोग अब इक्विटी की तरफ आकर्षित हो रहे हैं।