Mutual Fund: ध्यान दीजिए! मुनाफा देने के मामले में स्टॉक मार्केट को टक्कर दे रहीं म्यूचुअल फंड स्कीम, एक साल में 60-70 फीसदी रिटर्न

सीधे स्टॉक में पैसा लगाने से ज्यादा सुरक्षित, तेजी से बढ़ रही पापुलैरिटी 

 

 आप भी निवेशक हैं या निवेश करने जा रहे हैं तो जरा ठहरिये। निवेश से पहले एक बार बाजार का रुख देख लें। अपनी रिस्क क्षमता और लक्ष्य का चुनाव कर लें। क्योंकि पैसा कमाने का कोई छोटा रास्ता नहीं होता है। हां अब धैर्य और प्लानिंग के साथ निवेश किया जाए तो आपको कुछ ही समय में पैसे वाला बना सकता है। इसलिए जरूरी है कि निवेश करते समय अलर्ट रहें, ताकि आपको नुकसान न हो। 

क्या आपको किसी स्कीम या विकल्प में पैसा लगाकर सिर्फ एक साल में 60 फीसदी या 70 फीसदी रिटर्न मिला है। जब इतने हाई रिटर्न की बात होती है मन में अक्सर स्टॉक मार्केट का ध्यान सबसे पहले आता है, लेकिन बहुत से निवेशक स्टॉक मार्केट में शामिल रिस्क को देखकर डर जाते हैं या उन्हें स्टॉक मार्केट की बहुत अच्छी जानकारी नहीं होती है। ऐसे में वे निवेश का फैसला नहीं ले पाते, लेकिन एक और विकल्प है, जो स्टॉक मार्केट की तुलना में काफी हद तक सुरक्षित माना जाता है और रिटर्न देने के मामले में भी कहीं से पीछे नहीं है। हम बात कर रहे हैं म्युचुअल फंड बाजार की, जहां कई ऐसी स्कीम मौजूद हैं, जिनका एक साल का रिटर्न 65 फीसदी से 77 फीसदी रहा है।

इस प्लान रिपोर्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं म्यूचुअल फंड कर कुछ ऐसी स्कीम जो मनाफा देने में स्टॉक मार्केट को भी कड़ी टक्कर दे रही हैं। इन योजनाओं में निवेश कर आप भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और कम समय में ही अमीर यानी करोड़पति भी बन सकते हैं।


सीधे स्टॉक में पैसा लगाने से ज्यादा सुरक्षित
बाजार के जानकारों के अनुसार म्युचुअल फंड में निवेश, सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश की तुलना में एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड में भी स्टॉक मार्केट की तरह ही अलग-अलग कैटेगरी हैं। मसलन लार्जकैप, मिडकैप या स्मॉलकैप फंड। जो निवेशक चाहते हैं, लेकिन ज्यादा रिटर्न की इच्छा रखते हैं, उनके लिए म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प है। असल में किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में अलग अलग कंपनियों के स्टॉक शामिल होते हैं। वहीं, कुछ स्कीम में अलग अलग सेक्टर से अलग अलग स्टॉक निवेश के लिए चुने जाते हैं।

 


फंड मैनेजर की देखरेख में होता है निवेश
म्यूचुअल फंड की एक और खासियत है कि इसमें कुशल फंड मैनेजर की देखरेख में निवेश किया जाता से है। फंड मैनेजर अपनी स्टडी या रिसर्च के आधार पर डर किसी म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो में शेयरों को छी शामिल करता है। उनका ध्यान मजबूत ग्रोथ वाली और ना मुनाफा कमाने वाली कंपनियों पर होता है, ताकि इसका एक फायदा स्टॉक में ग्रोथ के रूप में मिले। किसी एक स्टॉक बना में पैसा लगाने की बजाए फंड मैनेजर अलग-अलग छे सेक्टर के मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों का चयन नार करता है। इसमें एक और सुविधा है कि अगर एकमुश्त एक पैसा नहीं लगाना चाहते तो सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट इस प्लान के जरिए मंथली बेसिस पर निवेश कर सकते हैं।


लगातार बढ़ रही है पॉपुलैरिटी
म्यूचुअल फंड्स की लोकप्रियता निवेशकों में बढ़ रही - है। एएमएफआई के आंकड़ों के मुताबिक मई 2024 में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश 84 फीसदी उछलकर रिकॉर्ड 34,670.9 करोड़ रुपये हो गया, जबकि अप्रैल में 18,888 करोड़ रुपये रहा। सेक्टोरल फंड्स में मंथली बेसिस पर 272 फीसदी इनफ्लो बढ़ा है। डेट म्यूचुअल फंड्स में 42,295 करोड़ का निवेश आया। म्यूचुअल फंड में न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) के जरिए 10,140 करोड़ का निवेश आया है। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम मंथली बेसिस पर 2.9 फीसदी बढ़कर 58.91 लाख करोड़ हा गया है।