अमेरिका में फिर भारत का परचम, प्रमिला जयपाल को अहम जिम्मेदारी

Pramila Jaypal : भारतीय मूल के लोग विदेशों में लगातर भारत का परचम लहरा रहे हैं। भारत का परचम अमेरिका में एक बार फिर लहराया है। भारतीय मूल की प्रमिला जयपाल को इमिग्रेशन के लिए बने पावरफुल हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के पैनल का रैंकिंग सदस्य नामित किया गया है। इसी के साथ वह उपसमिति में
 

Pramila Jaypal : भारतीय मूल के लोग विदेशों में लगातर भारत का परचम लहरा रहे हैं। भारत का परचम अमेरिका में एक बार फिर लहराया है। भारतीय मूल की प्रमिला जयपाल को इमिग्रेशन के लिए बने पावरफुल हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के पैनल का रैंकिंग सदस्य नामित किया गया है। इसी के साथ वह उपसमिति में नेतृत्व करने वाली पहली अप्रवासी बन गई हैं।भारत का परचम अमेरिका में एक बार फिर लहराया है।

भारतीय मूल की प्रमिला जयपाल को इमिग्रेशन के लिए बने पावरफुल हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के पैनल का रैंकिंग सदस्य नामित किया गया है। इसी के साथ वह उपसमिति में नेतृत्व करने वाली पहली अप्रवासी बन गई हैं। इस उपलब्धि पर प्रमिला जयपाल ने कहा कि “अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी गई पहली दक्षिण एशियाई महिला और कांग्रेस में केवल दो दर्जन प्राकृतिक नागरिकों में से एक के रूप में, मैं नई जिम्मेदारी और सेवा करने के लिए काफी सम्मानित महसूस कर रही हूं।”

महिला सशक्तीकरण पर लगातर कर रहीं काम : Pramila Jaypal

कांग्रेस में आने से पहले प्रमिला जयपाल अप्रवासियों के अधिकारों के लिए लंबे समय तक लड़ चुकी हैं। 11 सितंबर को हुए आतंकी हमलों के बाद उन्होंने वन अमेरिका (पूर्व में हेट फ्री ज़ोन) की शुरुआत की, जो वॉशिंगटन राज्य का सबसे बड़ा अप्रवासी अधिकार संगठन है। वन अमेरिका में उनके काम के लिए, उन्हें तब के राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से चैंपियन ऑफ चेंज का पुरस्कार दिया गया था। वह परिवारों को एक साथ रखने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लगातार काम कर रही हैं।

अमेरिकी नागरिकता के लिए करना पड़ा था लंबा इंतजार

उन्होंने आगे कहा कि “मैं अमेरिका में तब आ गई थी जब मैं 16 साल की थी। मेरे पास करने को कुछ बड़ा नहीं था। मुझे अमेरिकी नागरिक बनने के लिए भी काफी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा था। यह मेरे लिए बेहद सार्थक है कि अब मैं अच्छी स्थिति में पहुंच गई हूं।” उन्होंने कहा, मैं प्रतिनिधि लोफग्रेन को भी बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहती हूं।