Rewa-Shahdol Road: मोहनिया के बाद अब छुहिया घाटी में टनल बनने की उम्मीद, उप मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश 

400 करोड़ आएगी लागत, रीवा-शहडोल मार्ग में आवागमन होगा सुगम

 

रीवा। राजनिवास सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने रीवा बाईपास फोरलेन निर्माण तथा रीवा से शहडोल सड़क निर्माण की समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि शहडोल रोड का निर्माण शीघ्र पूरा कराएं। दोनों संभागीय मुख्यालयों को जोड़ने वाली यह सड़क बहुत महत्वपूर्ण है। विन्ध्य से छत्तीसगढ़ जाने वाले वाहनों के लिए भी यह सड़क बहुत महत्वपूर्ण है। 

इस सड़क में छुहिया घाटी में क्षतिग्रस्त तीन सौ मीटर सड़क में तत्काल सुधार कराएं। छुहिया घाटी में थ्री लेन टनल निर्माण अथवा घाटी में फोरलेन सड़क निर्माण का प्रस्ताव तत्काल प्रस्तुत करें। टनल का निर्माण हो जाने से छुहिया घाटी के घुमावदार मोड़ों और दुर्घटना के भय से वाहन चालकों को मुक्ति मिलेगी। रीवा बाईपास को फोरलेन बनाने का प्रस्ताव भी तत्काल प्रस्तुत करें। 

उप मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित मुख्य वन संरक्षक राजेश राय को निर्देश देते हुए कहा कि रीवा से शहडोल सड़क निर्माण में कई स्थानों में वन विभाग से अनुमति की आवश्यकता है। इसके प्रस्ताव ऑनलाइन प्रस्तुत कर दिए गए हैं। इन्हें आवश्यक कार्यवाही करके तत्काल अनुमति जारी करें जिससे सड़क का निर्माण पूरा कराया जा सके। मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि रीवा से शहडोल सड़क निर्माण के लिए कुल 48 हेक्टेयर वन भूमि प्रभावित हो रही है। इसकी वैकल्पिक भूमि कटनी जिले में प्राप्त हो रही है। शहडोल जिले से प्रस्ताव अनुमति के लिए भेज दिए गए हैं। रीवा तथा सीधी जिले के प्रस्ताव आज भेज दिए जाएंगे। इनमें एक सप्ताह में अनुमति प्राप्त हो जाएगी। 

 

टनल बनाने में खर्च होंगे 400 करोड़
 बैठक में उपस्थित एमपीआरडीसी के एजीएम तथा निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि ने बताया कि छुहिया घाटी में 12 मीटर चौड़ी टनल बनाने के लिए लगभग चार सौ करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसकी लंबाई 3.5 किलोमीटर अनुमानित है। छुहिया घाटी में फोरलेन सड़क बनाने में लगभग सात सौ करोड़ रुपए का खर्च आएगा। रीवा से टेटका मोड़ के बीच लगभग 55 किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा हो गया है। व्यौहारी और जयसिंह नगर में बाईपास निर्माण प्रस्तावित किया गया है। इस अवसर पर पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी सहित सड़क निर्माण कार्य से जुड़े अधिकारी उपस्थित रहे।