Rewa News: रीवा में लोकायुक्त तक पहुंची अल्प आय वर्ग गृह निर्माण सोसायटी के भ्रष्टाचार की शिकायत 

पूर्व अध्यक्ष विकास तिवारी पर गंभीर आरोप, वर्तमान अध्यक्ष विपिन मिश्रा सहित कई लपेटे में

 

रीवा। भ्रष्टाचार में विगत लंबे समय से आकंठ डूबी अल्प आय वर्ग गृह निर्माण सोसायटी के भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतत: लोग तेजी से लामबंद हो गए हैं। इसी तारतम्य में वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदावन शुक्ला की अगुवाई में कई लोग लोकायुक्त कार्यालय पहुंच गए, और शिकायती ज्ञापन पत्र सौंप कर कार्यवाही की मांग की। 


विकास तिवारी ने संस्था को बनाया 'जेबी'
शिकायती ज्ञापन में इस बात का उल्लेख किया कि संस्था समिति द्वारा वरिष्ठता को ध्यान दिए बगैर भू-खण्डों का आवंटन किया जा रहा है। संस्था के पूर्व अध्यक्ष विकास तिवारी, वर्तमान अध्यक्ष विपिन मिश्रा, कार्यकारी प्रबंधक रहमान अली व अन्य पदाधिकारियों द्वारा नियमों का पालन नही किया जाता, वर्ष 2021-22 मे संस्था के अध्यक्ष विकास तिवारी बने, 01 वर्ष कार्य के पश्चात् अपने फुफेरे भाई विपिन मिश्रा को अध्यक्ष बना दिया एवं संस्था का सम्पूर्ण कार्य का संचालन विकास तिवारी द्वारा अपने घर से किया जा रहा है। वहीं गुड मॉर्निंग से चर्चा में शिकायतकर्ता एड. वृंदावन शुक्ला ने कहा कि पूर्व अध्यक्ष विकास तिवारी एक तरह से संस्था को अपनी जेब में रखते हैं। 


 

नहीं हुई कार्यवाही 
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि पूर्व विधायक मनगवां पंचूलाल प्रजापति व अन्य व्यक्तियों द्वारा उप पंजीयक सहकारी समिति रीवा की शिकायत किये जाने पर उप पंजीयक द्वारा दल गठित कर जांच कराई गई, दिनांक 11.07.2023 को जॉच प्रतिवेदन में दोषी पाए जाने के बाद भी संस्था के अध्यक्ष, प्रबंधक एवं संचालक मण्डल के विरूद्ध आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नही की गई।


 

जमकर की गई बंदरबांट 
 संस्था द्वारा गृह निर्माण के लिए क्रय की गई भूमि प्लाट बंटन के पूर्व नक्शा प्लाट बना कर नगर निगम व ग्राम नगर निवेश रीवा से नक्शा की स्वीकृत अनुमोदन के पश्चात् ले-आउट व अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए जाने के पश्चात् ही प्लाटों का बंटन वरिष्टता के आधार पर सदस्यों को किए जाने का प्रावधान है, संस्था की ''बरा कोठार'' रतहरी व अरूण नगर रीवा मे उक्त नियम के पालन किए बगैर प्लाट बंटित कर दिए गए तथा ग्राम भुण्डहा मे क्रय की गई भूमि मे भी इसी प्रकार का कृत्य किया जा रहा है, संस्था की ऑडिट सन् 2020-21 से आज तक अर्थात् 04 वर्षों की नही कराई गई, जबकि प्रत्येक वर्ष ऑडिट कराए जाने का प्रावधान है। 

मापदंडों की उड़ाई धज्जियां  
उक्त सम्बन्ध की जानकारी उप पंजीयक अशोक शुक्ला से सूचना के अधिकार के तहत की है, पूर्व दो वर्षों मे संस्था द्वारा पुराने सदस्यों को आवंटित व पंजीकृत भू-खण्डों को विधि विरूद्ध रूप से निरस्त कर नए सदस्य बनाकर उन्हे वह प्लाट आवंटित कर उनके नाम उसी प्लाट की दुबारा रजिस्ट्री करा दी, जबकि पंजीकृत प्लाट के पंजीयन निरस्त करने की अधिकारिता संचालक मण्डल व अध्यक्ष को नही था, संस्था द्वारा क्रय की गई भूमि मे प्लाट बंटन के पूर्व यह भी देखा जाना आवश्यक था कि संस्था के सदस्यों की सुविधा के दृष्टिकोण से पार्क रोड, नाली, विद्यालय, दुकान, अस्पताल के लिए भूमि आरक्षित की गई है या नही, क्रय की गई भूमि के 60 प्रतिशत भाग का ही प्लाट बना कर बंटन किया जा सकता है, शेष 40 प्रतिशत भूमि का भाग संस्था के सदस्यों को सुविधा प्रदान करने की दृष्टिकोण से पार्क या अन्य के लिए किया जाना चाहिए जो नही किया गया, जो गृह निर्माण नियमों के विरूद्ध है। जिसकी जानकारी दिए जाने के बाद भी अशोक शुक्ला उप पंजीयक सहकारी संस्था रीवा द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई, जिसकी जांच कर कार्यवाही किया जाना आवश्यक है। 

इन्होंने खोला मोर्चा
ज्ञापन सौपने वालों में संस्था के सदस्य संजय पाण्डेय, वरिष्ठ अधिवक्ता वृन्दावन शुक्ला, विनोद शंकर तिवारी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।