Rewa News: रीवा में 200 करोड़ की लागत से मानसिक रोगियों के लिए बनेगा अलग अस्पताल

मानसिक रोग विभाग का होगा उन्नयन, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा

 

रीवा। विंध्य के मानसिक रोगियों को बड़ी राहत मिलने वाली है। जल्द ही रीवा में मानसिक रोगियों का अलग से अस्पताल ही बनेगा। केन्द्र सरकार से रीवा को सेंट्रल ऑफ एक्सीलेंस इन मेंटल हेल्थ के लिए चुना गया है। इसके लिए रीवा में 200 करोड़ रुपए तक खर्च किया जाएगा।

ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार ने सभी जिलों में सर्वे के आधार पर एक विशेष प्रोजेक्ट के लिए चुना है। इसी के तहत रीवा को भी सेंट्रल ऑफ एक्सीलेंस इन मेंटल हेल्थ के लिए चुना गया है। रीवा मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग का उन्नयन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर किया जाना है। इसके लिए अलग से ही पूरा सेटअप तैयार किया किया जा चुका है। जाएगा। नया भवन बनेगा और इक्यूपमेंट भी अलग से लाया जाएगा। इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। अब सिर्फ बजट मिलने का ही इंतजार है। मानसिक रोग विभाग का उन्नयन करने को प्रक्रिया अब शुरू हो गई है इसका प्रस्ताव सामान्य परिषद की बैठक में भी रखा गया था। यहां से अब शासन के पास बजट स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। 

 नशा मुक्ति केन्द्र भी खुलेगा, बिल्डिंग तैयार हो चुकी है
मानसिक रोग विभाग के पास ही नशा मुक्ति केन्द्र भी खुल रहा है। केन्द्र से नशा मुक्ति केन्द्र के लिए बजट आया था। वह खत्म हो चुका है। अभी नशा मुक्ति केन्द्र को पूरी तरह से तैयार होने में और बजट स्वर्च होगा। बिल्डिंग खड़ी हो गई है। अब नशा मुक्ति केन्द्र में लगने वाले इक्यूपमेंट की जरूरत है। इसकी पूर्ति के लिए भी बजट चाहिए। बजट मिलने के बाद नशा मुक्ति केन्द्र भी खुल जाएगा। 

अभी तक केवल प्राइवेट संस्थाओं पर थी निर्भरता 
रीवा शहर में अब तक सिर्फ प्राइवेट संस्थाएं ही नशा मुक्ति केन्द्र चला रही हैं। वहीं नशा करने वाले युवाओं और लोगों का इलाज कराना हर व्यक्ति के बस की बात नहीं है। ऐसे में संजय गांधी अस्पताल में नशा मुक्ति केन्द खुलने से सभी को राहत मिलेगी। वर्तमान समय में अधिकांश दुवा लसे की चपेट में है। नशा के कारण उनके माता पिता परेशान रहते हैं। नसा तो परिजन पुराना चाहते हैं लेकिन सही जगह नहीं मिल पाता। नशा मुक्ति केन्द खुल जाने से कोई भी वहां इलाज करा सकेगा।


रीवा में है मानसिक रोगियों की भरमार
जिले में मानसिक रोगियों की संख्या ज्यादा है। यहां पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं होने के कारण लोगों को परेशानियां होती है। मानसिक रोग विभाग है लेकिन यहां मरीजों को रखने और भर्ती करने की व्यवस्थाएं और बेड सुविधाएं कम है। ऐसे में मानसिक रोग विभाग को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाने से ज्यादा सुविधाएं मिल पाएंगी । वर्तमान में मानसिक रोग विभाग संजय गांधी अस्पताल से ही जुड़ा हुआ है। अलग भवन और अस्पताल बनने से प्रबंधन के साथ ही मरीजों के परिजनों को भी राहत मिलेगी। 

 मानसिक रोग विभाग को ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में उन्नयन किया जाना है। इसके लिए 200 करोड़ का प्रस्ताव सथा गया था। शासन के पास प्रस्ताव भेजने पर सहमति बनी है। इसके अलावा नशा मुक्ति केन्द्र भी अस्पताल में खोला जाएगा। बजट आया था। बिल्डिंग में ही राशि खर्च हो गई है। अतिरिक्त बजट के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
-डॉ राहुल मिश्रा
अधीक्षक, संजय गांधी अस्पताल रीवा