Rewa News: रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल का सख्त फरमान-अस्पतालों में असामाजिक तत्व मिलें तो उन्हें भेजें जेल
हेल्थ मिनिस्टर के गृह जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को नं. 1 बनाने में जुटा प्रशासनिक अमला
रीवा। मध्य प्रदेश के तीव्रतम विकास वाले जिले रीवा में इन दिनों स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने की कवायद काफी तेज हो चली है, कारण यह है कि यह जिला प्रदेश के डिप्टी सीएम और हेल्थ मिनिस्टर राजेंद्र शुक्ल का गृह जिला है। गत दिवस रीवा के कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर प्रतिभा पाल के सख्त तेवर दिखे।
कलेक्टर ने साफ तौर पर कहा कि अस्पतालों में डॉक्टरों, चिकित्सा कर्मियों तथा रोगियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें। शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप सभी अस्पतालों में सुरक्षा के प्रबंध करें। रोगियों से मिलने वालों के लिए समय निर्धारित करें। केवल प्रवेश पत्र प्राप्त व्यक्ति को ही रोगी से मिलने की अनुमति दें। अस्पताल में कार्य करने वाले डॉक्टरों, चिकित्सा कर्मियों, आउटसोर्स कर्मचारियों तथा सुरक्षा कर्मियों को पहचान पत्र जारी करें। अस्पतालों में यदि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति अथवा असामाजिक तत्व मिले तो उसे जेल भेजें। उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग करते हुए अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करें। बैठक में आयुक्त नगर निगम डॉ सौरभ सोनवणे, अपर कलेक्टर श्रीमती सपना त्रिपाठी, सभी एसडीएम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजीव शुक्ला, सिविल सर्जन डॉ एमएल गुप्ता, अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
दुर्घटना-आपदा के शिकार व्यक्ति को बगैर विलम्ब दें उपचार
सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि अस्पताल भवन के अंदर और परिसर में प्रकाश की पूरी व्यवस्था करें। अस्पताल के जिस क्षेत्र में महिलाओं का आवागमन अधिक हो वहाँ सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के साथ सीसीटीवी की निगरानी एवं प्रकाश की समुचित व्यवस्था करें। जहाँ सीसीटीवी लगे हैं वहाँ 24 घंटे कर्मचारी तैनात कर मॉनीटरिंग कराएं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा मेडिकल कालेज के डीन डॉक्टरों का अस्पतालों में समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करें। दुर्घटना के शिकार अथवा अन्य आपदा के शिकार व्यक्ति को बिना किसी औपचारिकता के तत्काल उपचार की सुविधा दें। सभी अस्पतालों में इमरजेंसी में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीएचसी और पीएचसी का नियमित निरीक्षण करें।
सुरक्षा-आउटसोर्स कर्मचारियों का कराएं पुलिस वैरिफिकेशन
अनुपस्थित रहने वाले तथा समय पर कार्य में उपस्थित न होने वाले डॉक्टरों एवं चिकित्सा कर्मियों के विरूद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही करें। बैठक में पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने कहा कि अस्पतालों में तैनात सुरक्षा कर्मियों तथा आउटसोर्स कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन कराएं। अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाकर पूरे परिसर की निगरानी करें। पुलिस अधिकारी रात्रिकालीन गश्त के दौरान अस्पतालों का भी भ्रमण करेंगे। अस्पताल में किसी भी तरह की इमरजेंसी होने पर तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम अथवा संबंधित थाना प्रभारी को सूचना दें। पुलिस बल तत्काल आपकी सहायता करेगा।
'एम्बुलेंस सिस्टम' पर कसेगी नकेल
बैठक में मेडिकल कालेज के डीन डॉ सुनील अग्रवाल ने बताया कि एंबुलेंस चालकों के साथ बैठक करके किलोमीटर के हिसाब से इनका किराया निर्धारित कर दिया गया है। एंबुलेंस को क्रमवार टोकन दिया जाएगा। प्राइवेट एंबुलेंस चालक अथवा मालिक हास्पिटल के वार्डों में प्रवेश न करें इसे सुनिश्चित किया जाएगा। बैठक में बड़े निर्माण स्थलों में कार्यरत मजदूरों की सुरक्षा तथा अस्पताल परिसरों में अवैध रूप से व्यावसायिक गतिविधि चलाने वालों पर कार्यवाही के संबंध में निर्णय लिया गया।