Mauganj News: मऊगंज में बारिश ने ढाया कहर, बह गया रामपुर का अमृत सरोवर

नईगढ़ी जनपद का मामला, अधिकारियों के संरक्षण में अनियमितता से 5 एकड़ की फसल बरबाद ;18 लाख की लागत से बनाया गया था सरोवर 

 

मऊगंज। जिले के नईगढ़ी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत रामपुर में एक साल पहले बनाया गया अमृत सरोवर टूटकर बह गया। बुधवार की सुबह अचानक बांध फूट जाने से एक किसान की 5 एकड़ की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई। एक वर्ष पूर्व करीब 18 लाख की लागत से निर्मित अमृत सरोवर तालाब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। नियम विरुद्ध किए गए कार्य की जनपद सदस्य द्वारा बार-बार शिकायतें की गईं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों की अनदेखी के कारण अंतत: अमृत सरोवर बह गया। इससे स्पष्ट होता है कि सरोवर निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया। 


पांच एकड़ की फसल चौपट 
बताया जाता है कि एक माह पूर्व किसान अमर बहादुर सिंह द्वारा भी इस आशय की शिकायत की गई थी कि तालाब की हालत खराब है, तालाब में रिसाव है सुधार कराएं नहीं तो तालाब तो बहेगा ही और हम लोगों की खेती किसानी चौपट हो जाएगी। लेकिन पीड़ित किसान की बात को न तो उपयंत्री ने सुना और न ही जनपद सीईओ ने। ज्ञात हो कि बांध फूटने से सबसे ज्यादा नुकसानी अमर बहादुर की ही हुई है। उनकी पांच एकड़ के लगभग फसल चौपट हो गई है।  


अधिकारियों के सरंक्षण में हुई अनियमितता 
अमृत सरोवर तालाब निर्माण के ठीक एक वर्ष बाद तालाब की जो स्थिति निर्मित किसान अमर बहादुर उर्फ लल्लू सिंह हुई, उससे साफ जाहिर होता है कि अधिकारियों द्वारा निर्माण कार्य के दौरान अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई गई, और तो और उपयंत्री के संरक्षण में अमृत सरोवर तालाब के निर्माण में प्राक्कलन का ध्यान न देते हुए निर्माण कार्य में अनियमितता बरती गई जिसके कारण तालाब फुटकर बह गया। किसके संरक्षण में इस तरह का घटिया निर्माण कराया गया लोगों के मन में एक बड़ा सवाल है। 


लापरवाही से टूटा बांध 

इस संबंध में शिव प्रकाश साकेत सदस्य वार्ड क्रमांक एक ग्राम पंचायत रामपुर ने बताया कि जिस बात का मुझे संदेह था आखिर वही हुआ मैं सरपंच एवं सचिव को बार-बार आगाह करता रहा, लेकिन किसी ने भी मेरी बात नहीं सुनी लापरवाही के कारण बांध टूट गया। 


मापदंड के अनुरूप नहीं किया गया कार्य 

वहीं एसबी रावत कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी विभाग रीवा ने निरीक्षण के दौरान बताया कि जिस मापदंड के हिसाब से अमृत सरोवर का निर्माण होना चाहिए, उस तरह से कार्य नहीं किया गया पिचिंग नहीं की गई जिस कारण तालाब फूट गया। प्रायोजित मापदंड, टॉप, बॉटम और हाइट जो होनी चाहिए नहीं दी गई। मिट्टी भी कम डाली गई पिचिंग भी नहीं की गई इस कारण प्रथम दृष्टिया उपयंत्री दोषी हैं। 


बताया कि एक महीने से प्रशासन को सूचित करता रहा कि बांध का निरीक्षण करिए बांध फूटने ना पाए, लेकिन किसी ध्यान नहीं दिया। सरपंच और सचिव इंजीनियर आदि को बताया गया । एक माह पूर्व ओवरफ्लो हो गया था। तब भी मैंने कहा कि मेरे खेत से मिट्टी ले लीजिए और बांध को फूटने से बचाइए, लेकिन किसी ने नहीं सुनी और बांध फूट गया। अमर बहादुर की 5 एकड़ की फसल चौपट हो गई। 


इनका कहना है 
मैंने टीम भेजी है, अधिकारी- कर्मचारी एवं एसडीएम गए हुए हैं, जांच करवा रहे हैं और यदि फसलों को नुकसान हुआ होगा तो नुकसानी का मुआवजा भी देंगे। जांच उपरांत जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 
-अजय श्रीवास्तव, कलेक्टर मऊगंज