Sidhi News: रास सांसद ने छोड़ी बीजेपी, सीधी की राजनीति गर्माई, जानकार बोले- यह साबित होगा राजनैतिक कैरियर का ढलान
आगामी 2 अप्रैल को खत्म हो रहा था अजय प्रताप सिंह का कार्यकाल, 15 दिन पहले पार्टी से इस्तीफा
सीधी। लोकसभा चुनाव के पहले सीधी से बड़ा राजनैतिक उटलफेर देखने को मिला है। शुक्रवार को मप्र से राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को इस्तीफा भेजा है। अजय सिंह साल 2018 से राज्यसभा के सांसद हैं और आगामी 2 अप्रैल को उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है, लेकिन इससे 15 दिन पहले ही उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
बताया जा रहा है अजय प्रताप सिंह के भाजपा छोड़े जाने का कारण लोकसभा टिकट न मिलना है। वह सीधी लोकसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे थे। लेकिन बीजेपी ने यहां से नए चेहरे डॉ. राजेश मिश्रा को टिकट दे दिया। हालांकि मीडियाकर्मिंयों से बात करते हुए अजय प्रताप सिंह ने कहा कि मेरी अभी किसी भी पार्टी में जाने व चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है।
प्रत्याशी चयन से नाखुश
अजय प्रताप सिंह ने कहा कि बीजेपी के द्वारा उतारे गए प्रत्याशी से मेरा कोई विरोध नहीं है, लेकिन पार्टी की जो कार्यप्रणाली है, पार्टी की जो चयनप्रणाली है, उसमें मेरी आपत्ति हैं। उसमें मेरी असहमति हैं। उन्होंने कहा कि मेरा स्वभाव थोड़ा सा विद्रोही है। मैं इस परिस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं। मेरी असहमति और आपत्ति त्यागपत्र के रूप में जाहिर हुई है। इसके साथ ही उन्होने कहा कि राजनीति सही मायने में हमारे लिए सेवा का माध्यम थी, धनार्जन का नहीं। आज कुछ परिस्थितियां ऐसी निर्मित हो गई हैं कि मैं अपने आप को भारतीय जनता पार्टी के अनुकूल नहीं मान पा रहा हूं।
मेरे उठाए गए मुद्दों की हुई उपेक्षा
अजय प्रताप ने कहा कि मेरा पार्टी की कार्यप्रणाली से विश्वास उठ गया है। लंबे समय से जिन विषयों को में सदन और आपके माध्यम से उठाता रहा हूं, उसकी उपेक्षा हुई है। भारतीय जनता पार्टी की कथनी और करनी में अंतर है, इसलिए मुझे लगा कि पार्टी के अंदर रहकर उन विषयों को नही उठा पाऊंगा।
बता दें कि साल 2019 में भाजपा की रीति पाठक सीधी से सांसद चुनी गई थीं। लेकिन विधायक बनने के बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद अजय प्रताप सिंह ने अपनी दावेदारी भी की लेकिन पार्टी ने सीधी से डॉ राजेश मिश्र को अपना उम्मीदवार बनाया । वहीं कांग्रेस ने यहां कमलेश्वर पटेल को उम्मीदवार बनाया है।
राजनैतिक कैरियर का ढलान साबित होगा
हालांकि इस इस्तीफे के बाद से सीधी की राजनीति गर्माई हुई है। जानकारों का कहना है कि अजय सिंह का बीजेपी छोड़ना उनके राजनैतिक कैरियर का ढलान साबित होगा। भले वह किसी भी पार्टी में जाएं व चुनाव लडें। वहीं बीजेपी से जुड़े लोगों ने कहा कि अजय प्रताप सिंह ने पार्टी को धोका दिया है। भाजपा ने अजय प्रताप सिंह को सबकुछ दिया। उन्हें राज्यसभा भेजा गया। इससे पहले कई समितियों में जगह व साल २०११ में विंध्य विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया था। जिसमें कैबिनेट मंत्री का दर्जा होता है।