नेशनल हेल्थ मिशन: क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट की भर्ती में मनमर्जी नियुक्ति देने आरक्षण की अनदेखी

भोपाल नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट की 47 पदों की भर्ती के लिए पूरी कराई गई प्रक्रिया में भर्ती करने वाली एजेंसी सेम्स लिमिटेड और अफसरों ने मनमजी से अपनों को उपकृत करने का काम किया है। इसका खुलासा 23 पदों के लिए जारी की गई भर्ती सूची से हुआ है जिसमें महिलाओं के
 

भोपाल
नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट की 47 पदों की भर्ती के लिए पूरी कराई गई प्रक्रिया में भर्ती करने वाली एजेंसी सेम्स लिमिटेड और अफसरों ने मनमजी से अपनों को उपकृत करने का काम किया है। इसका खुलासा 23 पदों के लिए जारी की गई भर्ती सूची से हुआ है जिसमें महिलाओं के लिए आरक्षित 15 पदों की बजाय 18 पदों पर नियुक्ति दी गई है। इस सूची में जो पद भरे गए हैं उसमें अनारक्षित कैटेगरी के 15, एससी के तीन, एसटी के एक, ओबीसी के चार कैंडिडेट के नाम हैं। यह 4 अप्रेल 2022 को भर्ती के लिए जारी की गई अधिसूचना के विपरीत है।

क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट की भर्ती के लिए सेम्स लिमिटेड को जो सूचना एनएचएम की ओर से दी गई थी, उसमें कुल 47 पदों में अनारक्षित वर्ग के लिए 27 प्रतिशत पद तय किए गए थे। इसमें 9 ओपन थे और 5 पद महिलाओं के लिए आरक्षित थे। इसी तरह ईडब्ल्यूएस के लिए दस प्रतिशत पदों में 3 ओपन और एक महिला वर्ग के लिए आरक्षित था। एससी वर्ग के 20 प्रतिशत पदों के लिए 6 ओपन, 3 महिला और एसटी वर्ग के 16 प्रतिशत पदों के लिए 5 ओपन और दो महिलाओं के लिए आरक्षित थे। ओबीसी के लिए इस भर्ती के 27 प्रतिशत पद तय कर भर्ती करने के लिए कहा गया था जिसमें से 9 ओपन और 4 महिलाओं के लिए थे। इस तरह कुल 15 महिला अभ्यर्थियों को इस पद पर नियुक्ति दी जा सकती थी। इसके विपरीत 8 अगस्त को जारी की गई भर्ती सूची में 18 महिलाओं के नाम हैं। इसमें एससी वर्ग की दो, एसटी की एक, अनारक्षित वर्ग में 12 और ओबीसी कैटेगरी में तीन महिलाओं को नियुक्ति दी गई है। गौरतलब है कि इस पद के लिए की गई नियुक्तियों के लिए सायकोलॉजी में एमफिल और आरसीआई से रजिस्ट्रेशन समेत अन्य योग्यता तय की गई थी लेकिन आरोप है कि भती करने वाली एजेंसी सेम्स लिमिटेड ने इसको पूरी तरह से अनदेखा किया है।