MP News: एमपी में बनेंगे 22 फ्लाय ओवर, केंद्र करेगा फायनेंस
जल्द तैयार होगी डीपीआर, भोपाल-इंदौर सहित राज्य के बड़े शहरों को होगा फायदा, निर्बाध होगा यातायात
भोपाल। प्रदेश के भोपाल, इंदौर समेत अन्य शहरों में ट्रैफिक की आवाजाही आसान बनाने के लिए जल्दी बड़े प्रोजेट शुरु होंगे। इसके लिए 22 फ्लाय ओवर बनाने की तैयारी चालू कर दी गई है। फिलहाल फ्लाय ओवरों की डिटेल प्रोजेट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाई जा रही है। केंद्र सरकार इनके निर्माण के लिए पैसा मुहैया कराएगी। मप्र रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने सेतु बंधन योजना के तहत फ्लाय ओवर निर्माण की शुरुआती ह्रश्वलानिंग की है। केंद्र सरकार के सेंट्रल रोड एंड इंफ्रास्ट्रचर फंड के तहत यह योजना शुरु की गई है।
इसमें मंजूर प्रोजेट के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय 100 फीसदी फंडिंग करता है। राज्य सरकार को केवल भूअर्जन और यूटिलिटि शिटिंग का खर्च उठाना होता है। एमपीआरडीसी इस योजना में सड़क परिवहन मंत्रालय को 26 प्रोजेट के प्रस्ताव भेज चुका है। इनमें से 15 को मंजूरी मिल चुकी है। पांच का काम भी शुरु हो चुका है। इस पर करीब 306 करोड़ रुपए खर्च किया जा रहा है। सेतु बंधन के तहत 22 और लाय ओवर निर्माण करने की तैयारी है। छह महीने में इनकी डीपीआर बन जाएगी।
3000 करोड़ से बन रहे पांच एलिवेटेड कॉरीडोर
प्रदेश के बड़े शहरों में ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए पांच एलिवेटेड कॉरोडोर बनाए जा रहे हैं। इसमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर शामिल हैं। इनके निर्माण पर लगभग तीन हजार करोड़ रुपए खर्च किया जा रहा है। इसके अलावा 16 और एलिवेटेड कॉरीडोर बनाने की ह्रश्वलानिंग है। शहरों में ट्रैफिक के बढ़ते दबाव, जाम और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पीडल्यूडी ने शहरी क्षेत्रों में एलिवेटेड कॉरीडोर्स के निर्माण की योजना बनाई है। केंद्र की मदद से इनको आकार दिया जा रहा है।
जबलपुर में बनेगा सबसे लंबा कॉरीडोर
राजधानी में लाउखेड़ी पंप हाउस से बैरागढ़ विसर्जन घाट तक एलिवेटेड कॉरीडोर का निर्माण शुरू कर दिया गया है। यह डबल डेकर होगा। यानी सबसे नीचे सड़क होगी, उसके ऊपर लाय ओवर का निर्माण किया जाएगा। फ्लाय ओवर पर ही प्रस्तावित मेट्रो रूट के पिलर बनाए जाएंगे। इस पर मेट्रो दौड़ेगी। प्रोजेट पर 306 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। प्रदेश का सबसे लंबा एलिवेटेड कॉरीडोर जबलपुर में बनाया जाएगा। यह दमोह नाका से रानीताल चौक होते हुए मदन महल क्षेत्र तक निर्मित किया जाएगा।
इसके निर्माण पर लगभग 600
करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। इंदौर में 350 करोड़ की लागत से 6.67 किमी लंबे एलिवेटेड कॉरीडोर का निर्माण किया जा रहा है। यह जमीन से 30 फीट ऊंचाई पर एलआईजी तिराहा से नवलखा चौराहा तक बनाया जाएगा। इस पर करीब पांच कट पॉइंट होंगे जहां से ट्रैफिक की आवाजाही हो सकेगी। ग्वालियर में महारानी लक्ष्मीबाई प्रतिमा से एबी रोड स्थित गिरवाई पुलिस चौकी तक स्वर्ण रेखा नदी पर फोर लेन एलिवेडेट कॉरीडोर बनाया जा रहा है। वहां करीब 15 किमी लंबा कॉरीडोर मंजूर किया गया है। इस पर 926 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।