MP News: मध्यप्रदेश में साढ़े तीन लाख बच्चों ने छोड़ा सरकारी स्कूल

अब विभाग का फैसला-स्कूलों में एडमिशन के लिए नहीं लगेंगे दस्तावेज, सीधे मिलेगा प्रवेश

 

भोपाल। प्रदेश में साढ़े तीन लाख बच्चों के ड्राप आउट (स्कूल छोड़ने) के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। अब सरकारी स्कूलों में एडमिशन के लिए दस्तावेज नहीं लेंगे। विद्यार्थियों को अगली क्लास में सीधे प्रवेश मिल जाएगा। इस संबंध में उप सचिव स्कूल शिक्षा प्रमोद सिंह ने आदेश जारी कर दिए है।

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से बारहवीं तक वर्ष 2023-24 में विद्यार्थियों की संख्या 1 करोड़ 37 लाख 84 हजार 369 थी। वर्ष 2024-25 में विद्यार्थियों की संख्या 1 करोड़ 34 लाख 44 हजार 591 रह गई। यानी पिछले साल की तुलना में 3 लाख 39 हजार 778 विद्यार्थियों के कम प्रवेश हुए। 


काफी मशकत करने के बाद भी करीब साढ़े तीन लाख विद्यार्थियों को विभाग नहीं खोज पाया। विभाग के अफसरों का मानना है कि यह विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ चुके हैं। इसे देखते हुए विभाग ने बच्चों के ड्रापआउट को रोकने के लिए नवीन दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह निर्देश शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होंगे। इसके तहत सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को एडमिशन के लिए दस्तावेज नहीं लगेंगे। इन निर्देशों के तहत पांचवीं तक संचालित किसी शासकीय स्कूल में एक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। 


उत्तीर्ण होने के बाद उसे छठवीं कक्षा में किसी नजदीकी स्कूल में प्रवेश लेना है, तो पांचवीं तक संचालित स्कूल का प्रधानाध्यपक ही विद्यार्थी को उसी स्कूल में छठवीं क्लास में प्रवेश देंगे। विद्यार्थी के पूरे दस्तावेज तैयार कर नजदीकी स्कूल में प्रधानाध्यापक जमा कराएंगे और इस तरह से विद्यार्थी का प्रवेश मिल जाएगा।


स्कूल बदलने पर पढ़ाई छोड़ रहे बच्चे
स्कूल शिक्षा विभाग के जारी आदेश में कहा गया है कि शासकीय स्कूलों में कक्षा 5वीं से 6वीं, कक्षा 8वीं से 9वीं एवं कक्षा 10वीं से 11वी में प्रवेश के समय बहुत सारे छात्रों के स्कूल बदलते हैं। ऐसे में बहुत सारे विद्यार्थी आगामी कक्षा में प्रवेश ही नहीं लेते है। इससे  सर्वाधिक ड्रॉप आउट होता है। सभी उत्तीर्ण विद्यार्थियों का आगामी कक्षा में प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए प्रवेश प्रक्रिया को सुगम बनाया गया है।


सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए प्रधानाध्यापक और प्राचार्य की जिम्मेदारी तय
ऐसे शासकीय स्कूल जो कक्षा 5वीं/8वीं अथवा 10वीं तक संचालित हैं, उन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक और प्राचार्य नजदीकी सरकारी स्कूलों के लिए कक्षा 6 वीं, 9वीं, एवं 11वीं में प्रवेश की कार्यवाही के लिए अधिकृत रहेंगे। संस्था प्रमुख प्रत्येक विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकों से चर्चा कर यह सुनिश्चित करेंगे कि वे किस स्कूल में प्रवेश लेना चाहते हैं।


सुविधाजनक प्रवेश प्रक्रिया के लिए प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक कक्षा 5वीं में उाीर्ण होकर कक्षा 6वीं में एवं माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक कक्षा 8वीं में उाीर्ण होकर कक्षा 9वीं में प्रवेश दिलाने के लिए विद्यार्थियों के प्रवेश आवेदन भरवाकर समस्त औपचारिकताएं (स्थानांतरण प्रमाण पत्र एवं अंक सूची इत्यादि) पूर्ण कर प्रवेश देंगे तथा संबंधित माध्यमिक शाला के प्रधानाध्यापक और प्राचार्य को सूचित करेंगे।


 प्राचार्य कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा के उपरांत कक्षा 11वीं में प्रावधिक प्रवेश की प्रक्रिया पूर्ण कर संबंधित प्राचार्य, हायर सेकेंडरी को भेजेंगे। विद्यालय (जिस विद्यालय से विद्यार्थी उत्तीर्ण हुआ है) के प्रधानाध्यापक और प्राचार्य प्रवेश लेने वाले विद्यालय (जिस विद्यालय में विद्यार्थी प्रवेश ले रहा है) के प्रधानाध्याक और प्राचार्य के सतत संपर्क में रहेंगे तथा प्रवेश के लिए संभावित छात्र संख्या की नियमित जानकारी देंगे।


यह प्रवेश नजदीकी विद्यालयों और संकुल के स्कूल में दिए जाएंगे। विद्यार्थी स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्राप्त कर अपनी रूचि के स्कूल में स्वयं भी प्रवेश लेने के लिए स्वतंत्र रहेंगे। किसी भी स्कूल को सीधे प्रवेश देने का अधिकार यथावत रहेगा। क्लस्टर के समस्त प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक एवं हाईस्कूल प्राचार्य उनके विद्यालय से उत्तीर्ण विद्यार्थियों के आगामी कक्षा में शत-प्रतिशत प्रवेश के लिए जवाबदेह होंगे। ऐसे विद्यार्थी जो स्थानांतरण प्रमाण पत्र लेकर किसी अन्य राज्य, जिला, दूरवर्ती स्कूल में प्रवेश लेते हैं, उनकी विधिवत जानकारी संबंधित शाला के प्रधानाध्यानक और प्राचार्य के पास रहेगी।