MP News: मध्यप्रदेश में शासकीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु होगी 65 साल!

भाजपा के घोषणा पत्र के आधार पर फैसला लेने की तैयारी कर रही डॉ. मोहन सरकार

 

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने एक बार फिर शासकीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्त आयु बढ़ाने जा रही है। इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार इस बार प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु तीन साल बढ़ाकर 65 वर्ष कर रही है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र भी प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु एक समान करने का वादा किया है। मध्यप्रदेश में वर्ष 2016 से कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं मिली है। यह स्थिति पदोन्नति में आरक्षण के चलते निर्मित हुई है। प्रदेश में हर साल कर्मचारी बड़ी संख्या में बिना पदोन्नति सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सेवानिवृत्ति के अनुपात में भर्तियां नहीं हो रही हैं।


आयु सीमा में आएगी एकरूपता  
अब राज्य सरकार प्रदेश में कर्मचारियों की सेवानिवृत्त होने वाली आयु सीमा में एकरूपता लाने का प्रयास कर रही है। प्रदेश में प्राध्यापक, चिकित्सा, नर्सिंग सहित कई सेवाओं में रिटायरमेंट की उम्र 65 साल है। बाकी विभागों में सेवानिवृत्त आयु 62 साल है। इसको देखते हुए भाजपा ने अपने संकल्प पत्र 2023 में रिटायरमेंट की उम्र में एकरूपता लाने का वादा किया था। सरकार बनने के बाद इसको लेकर कदम भी आगे बढ़ाए गए थे, लेकिन वित्त विभाग ने इस पर असहमति जाहिर की थी। अब सरकार के स्तर पर एक बार फिर सेवानिवृत्त की आयु 65 वर्ष करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।


वित्त विभाग से मांगी राय
प्रदेश में 2018 तक सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र 60 साल थी। साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने जून 2018 से इसे बढ़ाकर 62 साल कर दिया था। अब 6 साल बाद फिर से सरकारी कर्मचारियों के रिटायर होने की आयु सीमा को बढ़ाकर 65 साल करने की तैयारी की जा रही है। आयु सीमा बढ़ाए जाने का सरकार को वित्तीय लाभ भी होगा। माली हालत ठीक नहीं होने के कारण कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति पर शासन को एक मुश्त राशि का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि आगामी दो सालों में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है। इसको लेकर वित्त विभाग की राय भी मांगी गई है।


मंत्री बोले-सेवानिवृत्त आयु बढ़ाएगी सरकार
मध्य प्रदेश सरकार ने आयुष कालेजों में पदस्थ आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी समेत अन्य पद्धतियों के चिकित्सकों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा दी है। अब तक आयुष डाक्टरों की सेवानिवृा होने की आयु 62 वर्ष थी, जिसे अब 65 कर दिया गया है। हाल में शिक्षक दिवस के अवसर पर खंडवा में आयोजित कार्यक्रम में आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ. विजय शाह ने कहा था कि ऐसे कई शिक्षक हैं, जो रिटायरमेंट के बाद भी विभाग में टीचर के रूप में अपनी सेवाएं देना चाहते हैं, उन्हें दो बार एक्सटेंशन दिया जाएगा। इससे भी अंदाजा लगाया गया था कि सरकार इस बारे में जल्दी फैसला करेगी।


उम्र बढ़ने से कर्मचारियों को फायदा
मध्यप्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एमपी द्विेदी व स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एसबी सिंह का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाती है, तो इसका सबसे ज्यादा फायदा उन अधिकारियों और कर्मचारियों को होगा, जिनका सेवाकाल 62 साल की उम्र से पहले 33 वर्ष पूरा नहीं हो रहा है। दरअसल राज्य सरकार 33 साल का सेवाकाल पूरा करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को ही वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन देने के लिए पात्र मानती है। अगर किसी कर्मचारी को 30 साल की उम्र में नियुक्ति मिलती है, तो 62 साल की उम्र तक उसका सेवाकाल 32 वर्ष होगा। यानी उसे आधी पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा। यदि सरकार रिटायरमेंट की सीमा 65 साल कर देती है, तो सेवाकाल की आयु 35 साल हो जाएगी और वेतन का 50 फीसदी पेंशन का लाभ मिलने लगेगा।