MP News: मध्यप्रदेश के नए डीजीपी के नाम पर आज मुहर लगने के आसार

पुलिस के नए मुखिया के लिए अरविंद, कैलाश और अजय दावेदार 

 

भोपाल। मध्यप्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक के नाम को लेकर आज अंतिम फैसला होने के आसार हैं। नए डीजीपी के चयन के लिए तीन नामों का पैनल संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएसएसी) ने तैयार कर लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विदेश जाने से पहले तीन में से एक नाम पर अपनी सहमति की मुहर लगा सकते हैं। डीजीपी के चयन के लिए राज्य सरकार ने यूपीएससी को 9 नामों का पैनल भेजा था। उनमें से तीन नामों का पैनल यूपीएससी ने तैयार कर लिया है।

पैनल में वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अफसर व डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार, इसी बैच के पुलिस हाउंसिंग कारपोरेशन के चेयरमेन कैलाश मकवाना और 1989 बैच के डीजी ईओडब्ल्यू अजय शर्मा का नाम शामिल किया गया है। तीनों अफसरों के नामों की चर्चा भोपाल से दिल्ली तक चल रही है।


 मध्यप्रदेश में अब तक नियमानुसार डीजीपी का चयन होता आया है। इस कारण संभावना है कि तीन नामों के पैनल में मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव अपनी पसंद का डीजीपी चुनेंगे। मुख्यमंत्री 24 नवंबर को विदेश यात्रा पर जा रहे हैं और वे तीस नवंबर को लौटेंगे। 


सूत्रों की माने तो सीएम इस फैसले को टालने के मूड में नहीं हैं। वे आज एक नाम पर मुहर लगा देंगे। भले इसका आदेश तीस नवंबर को जारी किया जाए। मध्यप्रदेश के मौजूदा पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना तीस नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। इसलिए शासन का लक्ष्य है कि उससे पहले डीजीपी के लिए नए अफसर का चयन कर लिया जाए।


चयन प्रक्रिया के तरत स्पेशल डीजी के जो नाम यूपीएससी की ओर से भेजे गए हैं, उनमें 1988 बैच के अरविंद कुमार का नाम सबसे ऊपर है। दूसरा नाम कैलाश मकवाना और तीसरा नाम अजय कुमार शर्मा का है। अगर वरिष्ठता के आधार पर चयन होता है, तो कुमार का नाम पहले नंबर पर है। कुमार सबसे पहले मई 2025 में सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। मकवाना का कार्यकाल दिसंबर 2025 और शर्मा अगस्त 2026 में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।


चूंकि कुमार का कार्यकाल छह महीने का है, इसलिए सरकार मकवाना और शर्मा में से एक नाम का चयन कर सकती है। दोनों का कार्यकाल डेढ़ साल से अधिक है। वैसे भी डीजीपी का चयन अब दो साल के लिए किया जाता है। सुप्रीमकोर्ट की गाइड लाइन के हिसाब से डीजीपी के तौर पर उस अधिकारी का चयन किया जाएगा, जिनका कार्यकाल छह महीने या उससे अधिक हो और वरिष्ठता क्रम में उनका नाम पहले तीन नंबर पर हो। ऐसी स्थिति में अरविंद कुमार भी बड़े दावेदार हैं। क्योंकि उनका नाम वरिष्ठता क्रम में पहले नंबर पर है। अगर अरविंद कुमार को मौका मिलता है, तो सरकार उन्हें दो साल का कार्यकाल दे सकती है।


कौन रखेंगे एमपी का पक्ष
ओडिसा की राजधानी भुवनेश्वर में 28 से 30 नवंबर तक डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस आयोजित होना है। इस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल होंगे। इस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीजीपी सुधीर सक्सेना रिटायर हो जाएंगे।

ऐसे में यह माना जा रहा है कि उनकी जगह पर पुलिस मुख्यालय के ओएसडी प्रदेश पुलिस की तरफ  से लीड कर सकते हैं। जो प्रदेश पुलिस का पक्ष और यहां पर जो कामकाज किए गए हैं, उनकी जानकारी प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री शाह के सामने रख सकते हैं।